November 27, 2024

फिर एक बार सियासी पलटी मारेंगे नीतीश बाबू ? राहुल मुद्दे पर चुप्पी के क्या हैं मायने

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 पटना
ऐसे समय में जब कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने और उनकी संसद सदस्यता रद्द किए जाने पर ज्यादातर विपक्ष उनके समर्थन में उतर आया है, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस पूरे मामले पर चुप्पी बेहद पेचीदा है.

राहुल गांधी की दोषसिद्धि और सजा पर चुप्पी

शुक्रवार को बिहार विधानसभा में मौजूद नीतीश कुमार ने कांग्रेस सांसद की दोषसिद्धि और सजा पर जनता दल यूनाइटेड की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. दिलचस्प बात यह है कि जनता दल यूनाइटेड ने राहुल गांधी के समर्थन में विधानसभा के अंदर हुए प्रदर्शन से भी खुद को दूर रखा. जनता दल यूनाइटेड का कोई भी विधायक महागठबंधन के उन राजनीतिक दलों में शामिल नहीं हुआ, जिसमें राजद, कांग्रेस, भाकपा (एमएल), भाकपा, सीपीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा शामिल थे और विधानसभा में राहुल गांधी की सजा के खिलाफ विरोध कर रहे थे.
 
हालांकि, जनता दल यूनाइटेड के नेता और वित्त मंत्री विजय चौधरी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस सांसद की सजा को एक ऐसा कदम बताया, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है.

भाजपा पर हमला करने में क्यों कतरा रहे नीतीश?

राहुल गांधी की सजा और उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त करने के मुद्दे पर भाजपा पर हमला करने में नीतीश कुमार विपक्षी समूह में शामिल होने से क्यों कतरा रहे हैं? ऐसे में एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वह एक और राजनीतिक उलटफेर करने का अवसर तलाश रहे हैं?

राहुल गांधी के समर्थन में तेजस्वी

यह कहा जा सकता है कि ये बिहार के मुख्यमंत्री और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव के किसी मुद्दे पर एकमत न होना का दूसरा मामला है. क्योंकि तेजस्वी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के समर्थन में रहे और उन्होंने कहा, "चक्रव्यूह रच विपक्षी नेताओं पर ED,IT, CBI से दबिश करवाओ. फिर भी बात ना बने तो घिनौने षडयंत्र के अंतर्गत विभिन्न शहरों में आधारहीन मुकदमे करवाओ ताकि हैडलाइन मैनेजमेंट में कोई कोर कसर ना रह जाए. यह संविधान, लोकतंत्र, राजनीति और देश के लिए अतिगंभीर चिंता का विषय है.
 
दिलचस्प बात यह है कि तेजस्वी यादव आज नई दिल्ली में नौकरी के लिए जमीन घोटाले के मामले में सीबीआई के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होंगे. बिहार के डिप्टी सीएम के खिलाफ नौकरी के लिए भूमि घोटाले में कोई भी प्रतिकूल विकास नीतीश कुमार को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक और राजनीतिक उलटफेर करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है.

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