योगी सरकार @2.0 : ऐसे रखी यूपी के कायाकल्प की नींव, ये हैं उपलब्धियां
लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभालने के बाद योगी राज @1 में जहां विरासत में मिली अव्यवस्थाओं और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर अराजकता से मोर्चा लिया। वहीं योगी राज @ 2 में उनका वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के दृष्टिगत यूपी के कायाकल्प पर फोकस रहा। छठे वर्ष में जहां औद्योगिक नीतियों के साथ ही पहले पांच सालों में अमल में लाई गई योजनाओं को आगे बढ़ाया गया, वहीं 33.5 लाख करोड़ के निवेश के साथ उत्तर प्रदेश को देश की अर्थव्यवस्था में बड़े भागीदार के रूप में स्थापित करने की नींव रखी गई।
पंद्रह साल के बाद भाजपा को जब सत्ता मिली तो प्रदेश में हालात उसकी कार्यशाली के मुफीद नहीं थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बतौर मुख्यमंत्री सत्तासीन होने के बाद प्रदेश को सरकार के मुखिया के रूप में एक कर्मठ, कर्मयोगी तो मिला ही। भारतीय जनता पार्टी को एक फायरब्रांड नेतृत्व भी साथ ही साथ हाथ लगा। उनकी फायरब्रांड हिन्दुत्व की छवि और हर मुद्दे पर चाहे वह सियासी रहा हो या फिर यदाकदा विषम परिस्थितियों में पहुंची कानून-व्यवस्था का मुद्दा, योगी आदित्यनाथ ने कभी न झुकने वाले तेवर के साथ आक्रामक शैली में तथ्य रखकर विपक्ष को अनुत्तरित करने का भी काम किया।
चाहे जिलों के लगातार दौरे कर समीक्षा बैठकों के जरिये विकास को रफ्तार देने रहा हो या फिर विधायक, सांसदों और पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद और संपर्क हर मोर्चे पर उन्होंने नई ऊंचाइयों को छुआ। बाढ़ में खुद लाइफ जैकेट पहन कर जायजा लेने वाले वह शायद पहले मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने मुसीबत में जनता से संवाद करने में कभी कदम पीछे नहीं खींचे। यही नहीं रूढ़ियों को तोड़ते हुए उन्होंने नोएडा जाने का मिथक तो तोड़ा ही इसके जरिये सियासी दलों को निशाने पर भी लिया। समय-समय पर अपने आवास पर सांसदों-प्रतिनिधियों के साथ बैठक, अहम मुद्दों पर पूरे मंत्रिमंडल की बैठकें कर मंथन करना उनकी कार्यशैली में शामिल रहा। यही वजह रही कि सरकार और संगठन में भी वह लगातार संतुलन बनाने में कामयाब रहे।
छह साल में ये मिलीं कामयाबियां
-वर्ष 2017 से पहले बजट 2 लाख करोड़ था, 2017 में चार लाख करोड़ से ज्यादा हुआ।
-वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 6 लाख 90 हजार करोड़ हो गया।
-2016 में प्रति व्यक्ति आय थी 46000 रुपये जो अब दोगुनी होकर 94000 हो गई।
-बेरोजगारी दर वर्ष 2016-17 में 17.5 फीसदी थी, जो अब 3 फीसदी हो गई।
-वर्ष 2016 में ईज़ आफ डूइंग बिजनेस में 14वां स्थान था, जो अब दूसरा स्थान हो गया है।
यह भी हुआ
-58 हजार बैंकिंग सखी की नियुक्ति
-15 करोड़ लोगों को 1200 करोड़ से खाद्यान्न बांटे
-1.91 करोड़ बच्चों को 2300 करोड़ से मुफ्त में किताब, बैग, स्टेशनरी
-छह वर्षों में 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवे