माफिया अतीक के फाइनेंसर, शूटर और मददगारों की सूची तैयार, 17 नए लोगों के सामने आए नाम
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश में बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड मामले की जांच का आज 31वां दिन है। पुलिस इस मामले में अलग-अलग तरीकों से छानबीन कर रही है। एक दर्जन से ज्यादा टीमें आरोपियों की तलाश कर रही है। मगर अभी तक पांच- पांच लाख रुपए के इनामी 5 शूटर्स और माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन अभी तक गिरफ्तार नहीं हो सकी है, लेकिन इस मामले में नए फाइनेंसर, शूटर और सहयोगियों की सूची तैयार की जा रही है। इसमें कुछ बिल्डर, प्रापर्टी डीलर, ट्रांसपोर्ट का नाम भी सामने आ रहा है। इसकी पूरी जांच की जा रही है।
बता दें कि, इस मामले में जांच कर रही पुलिस के घेरे में अतीक का विरोध बनकर गैंग की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने वाले भी जांच के दायरे में आ गए हैं। पुलिस का कहना है कि अतीक के बड़े फाइनेंसरों में मोहम्मद मुस्लिम की गिनती होती है। इसके अलावा माफिया का गुर्गा जय प्रकाश दुबे, टन्ना, नफीस सहित कई अन्य का नाम शामिल हैं। वहीं, शहर के पश्चिमी हिस्से में प्रॉपर्टी डीलिंग करने वाले अधिकांश शख्स अतीक गैंग को आर्थिक रूप से मजबूत करते हैं। टीपी नगर के दो बड़े ट्रांसपोर्टर भी अतीक गैंग के मददगार हैं, जो पर्दे के पीछे रहकर काम करते हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक मो. मुस्लिम का प्रयागराज से लेकर लखनऊ में रियल एस्टेट का कारोबार करता है। वहीं, जय प्रकाश दुबे कुछ साल पहले मुगलसराय से यहां आया था। इसके बाद पीपलगांव, झलवा और आसपास के इलाके में अतीक के गुर्गों के साथ जमीन का कारोबार करने लगा। प्रॉपर्टी की कमाई अतीक को पहुंचाते हुए अपना दबदबा कायम किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, प्रयागराज और कौशांबी के करीब 17 नए लोगों की पहचान की गई है, जिनका अतीक गैंग से कनेक्शन सामने आया है। जिनका पता लगाने में पुलिस जुटी हुई है।
उमेश की हत्या के बाद उनकी पत्नी ने कराया था मामला दर्ज
प्रयागराज में 25 जनवरी 2005 को बीच सड़क पर बीएसपी के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। उसी हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल पर 24 फरवरी को जानलेवा हमला हुआ। पहले उमेश पाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में उनकी मौत हो गई। इस हमले में उमेश पाल को गोली और बम लगे थे। इस हत्याकांड में उमेश के दोनों गनरों की भी मौत हो गई। उनकी हत्या के बाद पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में अतीक अहमद और अशरफ के साथ शाइस्ता परवीन को भी आपराधिक साजिश में नामजद अभियुक्त बनाया था।