माफिया ब्रदर्स के लिए दूसरा घर है नैनी जेल, यहां अतीक के नाम का चलता था सिक्का; अब नहीं मिलेगा आरामदेह माहौल
प्रयागराज
लगभग चार साल (46 महीने) बाद माफिया अतीक फिर नैनी सेंट्रल जेल पहुंचा है। यह वही जेल है, जहां अतीक अहमद बार-बार बंद होता रहा है। एक तरह से नैनी जेल अतीक अहमद के लिए दूसरे घर की तरह है। अतीक इस जेल में पिछले चार दशक में एक दर्जन से ज्यादा बार गिरफ्तार कर भेजा गया। कहा जा सकता है कि अतीक के जीवन के कई वर्ष इस जेल की सलाखों के पीछे गुजरे। हालांकि अबकी उसे यहां घर की तरह आरामदेह माहौल नहीं मिलने वाला क्योंकि इस बार शासन स्तर से बेहद सख्ती है। 1979 में कत्ल के पहले मुकदमे के बाद चार दशक से भी ज्यादा लंबे आपराधिक जीवन में अतीक अहमद को बार-बार गिरफ्तार किया गया और अदालत के आदेश पर नैनी जेल में रखा गया।
यह अलग बात है कि तब शासन-प्रशासन की मेहरबानी की वजह से उसे जल्द जमानत मिल जाती और जितने दिन जेल में रहना होता, अपनी मनमानी करता था। नैनी जेल में जब अतीक को बंद किया जाता तो उसके तमाम करीबी और गुर्गे भी पुराने मुकदमों में जमानत तुड़वाकर या वारंट कराकर खुद जेल में पहुंच जाते। वे सभी अतीक की सुरक्षा के साथ ही आवभगत का काम करते। जेल में अतीक का मतलब होता जेल का शासन अतीक के नाम।
जेलर से लेकर दूसरे अधिकारी अतीक को भाई-भाई कहते हुए हाथ जोड़कर खड़े रहते। जेल में अतीक का दरबार लगाता। जितने लोगों को और जब भी मिलना होता, जेल का गेट खुल जाता।
अतीक को जेल में कोई रोकने-टोकने वाला न रहता। घर का बना खाना आता और बैरक में वो सारी सुविधाएं होतीं, जो घर में मिलती है। कूलर, टीवी, फ्रिज से लेकर मोबाइल फोन भी। जेल से अतीक मोबाइल फोन पर बात करते हुए अपना आपराधिक साम्राज्य चलाता। अतीक जब भी नैनी जेल में रहा, अपना सिक्का चलाया।