September 23, 2024

अब सुलतानपुर के अफरोज और सारस की दोस्ती सामने आई, प्यार से नाम रखा स्वीटी

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अमेठी
अमेठी जिले के मंडखा गांव निवासी मो. आरिफ और सारस की दोस्ती इन दिनों सुर्खियों में है। कुछ ऐसा ही मामला आरिफ के घर से 65 किमी दूर सुल्तानपुर जिले के लंभुआ तहसील के छतौना में भी सामने आया है। यहां के निवासी अफरोज नेपाली की सारस से दोस्ती के चर्चे भी वायरल हो रहे हैं। अफरोज के पास यह सारस छह महीनों से रह रहा है। घर के सदस्यों के साथ खाना पीना और घर की चहरदीवारी के अंदर ही घूमना उसकी शगल में है। घरवालों ने प्यार से सारस का नाम भी दिया है स्वीटी। स्वीटी को वन विभाग ने कब्जे में ले लिया है और अफरोज पर कार्रवाई की भी संभावना है।

कहां मिला सारस
अफरोज बताते हैं कि लगभग छह माह पहले उनके बड़े भाई मेराज अपने एक मित्र के मत्स्य पालन के तालाब के पास से इस सारस को घर ले आए थे। तब सारस की उम्र सिर्फ डेढ़ महीने थी। देखते देखते वह बड़ा हो गया और अफरोज नेपाली के परिवार का हिस्सा बन गया है।

पिता ने भी पाला था सारस
मजे की बात ये है कि अफरोज के परिवार का सारस पक्षी से कनेक्शन पुराना है। पहले उनके पिता मो. शफीक उर्फ नेपाली ने वर्ष 2019 में एक सारस पाला था। यह सारस भी पूरे परिवार से घुला मिला हुआ था। यहां तक कि उसे तो गांव और आस-पड़ोस के लोग भी नेपाली के सारस के नाम से जानते थे। घरवालों ने इस सारस का नाम भी स्वीटी रखा था। 2022 में अचानक सोनबरसा गांव के पास करंट की चपेट में आ जाने से सारस की असामयिक मृत्यु हो गई। अफरोज बताते हैं कि सारस की मृत्यु के बाद उनके पिता को गहरा सदमा पहुंचा और उन्हें हार्ट अटैक आ गया। इसके बाद उनका लंबा इलाज चला। अब नया सारस आया तो उसका नाम भी स्वीटी ही रखा गया है। नए सारस के साथ पिता भी खुश महसूस करते हैं।

आटा और आलू खाता है सारस
अफरोज बताते हैं कि उनके सारस को आटा और आलू बेहद प्रिय है। जब भी उसको भूख प्यास लगती है तो वह आवाज करके लोगों को बुलाता है। खाने के बाद वह खेलने में मस्त हो जाता है। पड़ोस में दलदल स्थान पर एक पैर पर खड़ा होकर खेलता रहता है।

आरिफ के साथ गलत हुआ
अफरोज नेपाली ने कहा कि मुझे आरिफ भाई और सारस की दोस्ती के बारे में पता चला। विभिन्न यू ट्यूब चैनल ने अपनी कमाई के चक्कर में उन्हें अपने दोस्त से अलग कर दिया। हमें इस तरह की गतिविधियों के चक्कर में नहीं पड़ना। हमें उससे प्यार है। हम उससे कोई प्रचार या कमाई नहीं करना चाहते।

जानकारी नहीं है
इस संबंध में सुलतानपुर के डीएफओ राज कुमार त्रिपाठी ने का था कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं थी। वन विभाग की टीम भेजकर जानकारी की गई और सारस को कब्जे में ले लिया गया। अब अफरोज पर कार्रवाई भी की जा सकती है।

 

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