फर्जी ड्रॉफ्ट बनाने वाली बैंक मैनेजर वाराणसी से गिरफ्तार, लाखों हड़पकर सालभर से थी फरार
लखनऊ
लखनऊ की गोमतीनगर पुलिस ने इंडियन बैंक की उजरियांव शाखा के ग्राहकों के रुपये लेकर फर्जी ड्रॉफ्ट बनाकर लाखों रुपये हड़प कर फरार हुई वरिष्ठ प्रबन्धक स्वाति सिंह को वाराणसी में गिरफ्तार कर लिया। पिछले साल इस मामले में मुख्य प्रबन्धक मनीष कुमार वर्मा की ओर से एफआईआर दर्ज होते ही स्वाति फरार हो गई थी। तभी उसे निलम्बित कर दिया गया था। पुलिस ने उसके घर वालों के नम्बरों को सर्विलांस पर लिया था, इससे ही स्वाति की लोकेशन वाराणसी में मिली थी। पुलिस का दावा है कि बैंक के इस फर्जीवाड़े में स्वाति के साथ कुछ और कर्मचारी भी शक के दायरे में हैं। इनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
ग्राहकों से रुपये लेकर थमाया था फर्जी ड्राफ्ट
एडीसीपी पूर्वी सै. अली अब्बास ने बताया कि आलमबाग कृष्णापल्ली निवासी स्वाती सिंह 19 जुलाई 2022 से इण्डियन बैंक उजरियांव ब्रांच में वरिष्ठ प्रबन्धक थीं। मुख्य प्रबंधक मनीष के मुताबिक स्वाति सिंह पर आरोप है कि उन्होंने कई ग्राहकों के विड्राल फार्म पर साइन करवा कर उनके खाते से लाखों रुपये निकाल लिए। स्वाति पर 15 लाख रुपये का फर्जी डिमांड ड्राफ्ट भी बनाने का आरोप लगाया गया। इंस्पेक्टर दिनेश चन्द्र मिश्र ने बताया कि स्वाती ने कई ग्राहकों से ड्राफ्ट बनाने के लिए रुपये लिए थे। फिर इन्हें फर्जी ड्राफ्ट थमा दिया था। इसके साथ ही कई ग्राहकों ने खाते से रुपये निकलने की जानकारी दी थी।
जांच में स्वाति की आईडी का इस्तेमाल दिखा
बैंक की तरफ से कराई गई जांच में स्वाति सिंह की आईडी का इस्तेमाल होने का पता चला था। इंस्पेक्टर के मुताबिक एफआईआर लिखे जाते ही ही स्वाति फरार हो गई थी। उसने अपना मोबाइल नम्बर भी बदल लिया था। पति अभिषेक राय से पूछताछ किए जाने पर भी कोई जानकारी नहीं मिली थी। ऐसे में मैनेजर के परिवार वालों के मोबाइल नम्बर की डिटेल निकाले जाने पर एक संदिग्ध नम्बर मिला। जिस पर कई बार कॉल किए जाने की पुष्टि हुई। संदिग्ध नम्बर की लोकेशन वाराणसी में मिलने पर आरोपी स्वाती को पकड़ा गया। एडीसीपी ने बताया कि धोखाधड़ी में शामिल स्वाती के साथियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
बैंक ने किया था निलंबित
मुख्य प्रबंधक मनीष वर्मा के अनुसार ग्राहकों की तरफ से बैंक आकर शिकायत की गई थी। जिसमें स्वाती सिंह पर गम्भीर अनियमित्ता के आरोप लगे थे। विभागीय जांच में आरोप सही मिले। जिसके आधार पर स्वाती सिंह को निलंबित किया गया था। साथ ही बैंक की तरफ से मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।