November 24, 2024

जब 2011 वर्ल्ड कप में सचिन तेंदुलकर पर मेहरबान हुआ था पाकिस्तान, भारत ने दर्ज की थी यादगार जीत

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 नई दिल्ली

30 मार्च का दिन भारतीय फैंस के लिए काफी खास है…दरअसल, 12 साल पहले आज ही के दिन भारत ने पाकिस्तान को वर्ल्ड कप 2011 के सेमीफाइनल में धूल चटाते हुए खिताबी मुकाबले में अपनी जगह बनाई थी। पाकिस्तान पर इस जीत के साथ टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप में अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ जीत के रिकॉर्ड को बरकरार रखा था और लगातार 5वीं जीत दर्ज की थी। पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत के हीरो सचिन तेंदुलकर रहे थे।
 
ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में हराकर भारतीय टीम के हौसले बुलंद थे। पाकिस्तान के खिलाफ इस नॉकआउट मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था। हर बार की तरह इस बार सहवाग पहली गेंद पर चौका लगाने में कामयाब नहीं रहे थे, मगर उमर गुल की तीसरी गेंद पर जरूर उन्होंने चार रन बटोरकर भारत और अपना खाता खोला था। सहवाग और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी ने शुरुआत से ही पाकिस्तान गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी। सहवाग ने उमर गुल के तीसरे ओवर में 5 चौके जड़े थे।
 
48 रन पर टीम इंडिया को पहला झटका वीरेंद्र सहवाग के रूप में लगा था, उन्हें वाहब रियाज ने 38 के स्कोर पर पवेलियन का रास्ता दिखाया था। सहवाग के आउट होने के बाद भारतीय बल्लेबाजों और पाकिस्तान के फील्डरों ने सचिन तेंदुलकर का भरपूर साथ दिया। सचिन ने इस मुकाबले में 115 गेंदों का सामना करते हुए 11 चौकों की मदद से 85 रनों की शानदार पारी खेली। सचिन की इस पारी के दौरान पाकिस्तान ने उन्हें एक-दो नहीं बल्कि चार कैच छोड़कर जीवनदान दिए, वहीं एक बार रिव्यू की मदद से उन्होंने अंपायर का फैसला पलटा तो एक बार स्टंप आउट होने से बजे। सचिन के पास इंटरनेशनल क्रिकेट में इसी मैच में 100 शतक पूरे करने का शानदार मौका था, मगर वह चूक गए।

भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बोर्ड पर 260 रन लगाए। सचिन के अलावा कोई बल्लेबाज 50 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाया, वहीं पाकिस्तान के लिए वाहब रियाज ने सर्वाधिक 5 विकेट चटकाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम की शुरुआत तो अच्छी रही। कामरान अकमल और मोहम्मद हफीज ने पहले विकेट के लिए 44 रन जोड़े, इसके बाद हफीज ने असद शफीक के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए भी 36 रन जोड़े। मगर हर बार की तरह पाकिस्तान के मिडिल ऑर्डर ने निराश किया। मिस्बाह उल हक को छोड़कर सभी बल्लेबाज अपने खेमे को निराश करते हुए पवेलियन लौटते रहे। मिस्बाह ने 56 रनों की शानदार पारी खेली, मगर वह टीम को जीत नहीं दिला सके। पाकिस्तान 50 ओवर खत्म होने से एक गेंद पहले 231 रनों पर सिमट गया।

 

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