November 24, 2024

बेगूसराय सदर अस्पताल में लगी आग, ICU में मचा कोहराम; लापरवाही की आग में जलते-जलते बचे मरीज

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 बिहार

बिहार के बेगूसराय सदर अस्पताल में शुक्रवार की अहले सुबह उस समय भगदड़ मच गयी जब सदर अस्पताल स्थित आईसीयू के बगल वाले डायलिसिस कमरे में अचानक आग लग गई । इससे डायलिसिस और आईसीयू धुआं -धुआं हो गया। धुआं फैलने से आइसीयू में भर्ती मरीज व परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने अपने अपने मरीजों को आइसीयू कमरे से निकाल कर जान बचाई ।

आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। शॉट सर्किट से डायलिसिस रूम में गली एक मशीन से आग की चिंगारी निकलने लगी। चिंगारी से आग की लपटें फूट पड़ीं। उस समय आईसीयू और डायलिसिस रूम का इलेक्ट्रिसियन मौजूद नहीं था। गनीमत रही कि उस समय डायलिसिस कमरे में कोई भी मरीज मौजूद नहीं था । अन्यथा बहुत बड़ा हादसा हो जाता। जबकि डायलिसिस रूम के बगल में आईसीयू में लगभग एक दर्जन मरीजों का इलाज चल रहा है।

ICU में भर्ती थे कई मरीज

आग लगने के बाद सबसे पहले मरीज के परिजनों ने देखा। उन्होंने चिकित्सक को आग लगने की जानकारी दी । उसके बाद मौके पर मौजूद चिकित्सक डॉ नवीन कुमार और  मरीज के परिजन वहां पहुंचे और डायलिसिस रूम का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और  किसी तरह आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक डायलिसिस रूम के साथ पूरे आईसीयू में आग का धुंआ फैल चुका था। इससे वहां मौजूद मरीजों का दम घुटने लगा। किसी तरह सभी मरीजों को भी परिजनों की सहायता से बाहर निकाल लिया गया। फिलहाल अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों एवं मरीज के परिजनों ने आग पर काबू पा लिया गया। मरीजों को सुरक्षित स्थान पर रखने की तैयारी की जा रही है ।

बिजली ठप के बाद जेनरेटर से सप्लाई

आइसीयू चिकित्सक ने बताया कि डायलीसिस कमरे से ही आईसीयू में बिजली आपूर्ति होती है। शार्ट शर्किट से आग लगने से दो घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप हो गयी । आईसीयू के पास मात्र बैटरी बैकअप दो घंटे का था। दो घंटे बाद जेनरेटर से आईसीयू में बिजली आपूर्ति की जा रही है।

आज डायलीसिस रहेगा बंद

डायलीसिस कर्मियों ने बताया कि 10 बजे दिन से  डायलीसिस शुरू हो जाता है जो आठ बजे रात तक चलता है। ऐसे में बिजली नहीं रहने से डायलीसिस का काम शुक्रवार को बंद रहेगा। यहां बेगूसराय के अलावा खगड़िया व मुंगेर जिले से मरीज डायलीसिस कराने आते हैं। इस घटना के बाद सदर अस्पताल में अग्नि सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था का दावा करने की भी पोल खुल गयी।घटना की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ अखिलेश कुमार, दमकल गाड़ी वाले भी पहुंचे गए।

सिलेंडर विस्फोट होता तो दर्जनों लोगों की जा सकती थी जान

आईसीयू प्रवेश द्वार पर एक दर्जन से अधिक गैस सिलेंडर रखा था। उस जगह गैस रिफिलिंग का काम होता है। यदि आग भयानक रूप लेता व सिलेंडर विस्फोट होता तो कितने मरीज व परिजनों की जान जाती कहना मुश्किल होता।

 

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