बिहार में हिंसा की आड़ में उपद्रवी ने खूब की लूटपाट, साढ़े तीन करोड़ का इलेक्ट्रॉनिक सामान ले भागे
नालंदा
देश के कई राज्यों में रामनवमी पर जमकर उत्पात हुआ. नफरत की इस आग से बिहार का नालंदा शहर भी नहीं बच सका. यहां के बिहार शरीफ इलाके में हुड़दंगियों ने खुलेआम कानून को चुनौती दे दी. यहां शोभायात्रा निकालने के दौरान दो समुदायों में शुरू हुई झड़प ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया. उपद्रवियों ने जमकर पत्थरबाजी की. बेधड़क गोलियां भी दागीं. कई घरों-वाहनों में आग लगा दी. दर्जनों दुकानों में जमकर तोड़-फोड़ की और लूटपाट भी हुई. उपद्रवियों ने एक स्टेशनरी की दुकान में रखीं लाखों की किताबें को आग लगा दी. उन्होंने कई रिक्शा, कार, एक गोदाम को भी फूंक दिया. यह हिंसा कइयों को गहरे जख्म दे गई, उनकी रोजी-रोटी और पूंजी को बर्बाद कर गई. ऐसे ही लोगों में एक हैं जावेद आजम.
मुंबई के रहने वाले जावेद ने बिहारशरीफ की मेन मार्केट में ही डिजिटल दुनिया नाम का एक स्टोर खोला है. उनका दावा है कि हिंसावाले दिन उपद्रवियों ने उनके स्टोर को भी निशाना बनाया. वहां तोड़फोड़ की. उसके बाद करीब साढ़े तीन करोड़ का इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल, लैपटॉप लूट ले गए. जावेद का भाई बीजेपी से जुड़ा हुआ है. इस स्टोर का उद्घाटन बीजेपी के पूर्व मंत्री मंगल पांडे और शहनवाज हुसैन ने किया था. जावेद के बिहार में डिजिटल दुनिया के नाम से आठ स्टोर हैं. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि जावेद ने पुलिस से शिकायत की है या नहीं.
धारा-144 लागू, अब तक 27 लोग अरेस्ट
वहीं बिहार शरीफ में भीषण तनाव के बाद धारा-144 लागू कर दी गई है. जिला प्रशासन ने कहा कि इसका उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. यहां भी भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि पुलिस इलाके में पेट्रोलिंग कर रही है और अलर्ट पर है. हिंसा फैलाने के आरोप में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा में 8 लोग घायल हो गए हैं जबकि तीन को गोली लगी है. उन्होंने कहा कि लोग अफवाहों पर विश्वास न करें. नीतीश कुमार का गृह जिला होने के कारण यहां सुरक्षा व्यवस्था के दुरुस्त होने की उम्मीद की जाती है लेकिन एक दिन पहले हुई हिंसा ने सुरक्षा के दावों की पोल खोलकर रख दी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसी घटना इंटेलिजेंस फेलियर का नतीजा है?