स्टार्टअप से बदल रहे हैं कृषि व्यवसाय के आयाम, रोजगार के भी बढ़ रहे अवसर
नई दिल्ली।
कृषि का भारतीय अर्थव्यवस्था में हमेशा ही प्रमुख योगदान रहा हैै और आज भी यह देश की 58 प्रतिशत जनता की आजीविका का प्रमुख स्त्रोत है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी कृषि और उसके सहायक क्षेत्रों की हिस्सेदारी लगभग 21 प्रतिशत है। देश को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में भी इस सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। इस दिशा में सरकार द्वारा कार्य किये जा रहे हैं और कुछ नये र्स्टाटअप भी अच्छी पहल कर रहे हैं जो इस कृषि उद्योग से जुड़े सेक्टर के में नये टेक स्टार्टअप को जोड़कर रोजगार के अवसरों का भी सृजन कर रहे हैं। एक ऐसा ही स्टार्टअप है मूफार्म जो देश में पशुधन के व्यवसाय को एप सपोर्ट के माध्यम से प्लेटफार्म दे रहा है। आज ये स्टार्टअप न केवल पशु खरीदारों और मालिकों को एक-दूसरे से जुड़ने में मदद करता है, बल्कि वित्त पोषण और पशु चिकित्सकों तक पहुंच जैसी सेवाएं भी प्रदान करता है। इसकी स्थापना 2019 में परम सिंह, आशना सिंह, जितेश अरोड़ा और अभिजीत मित्तल द्वारा सामूहिक रूप से की गई है।
मूफार्म के दो सह-संस्थापक-जितेश और अभिजीत- IIT रुड़की से हैं और उन्होंने एनालिटिक्स और कंसल्टिंग फर्मों के साथ काम किया है। परम दूसरी बार के उद्यमी हैं और उन्होंने अपनी पिछली कंपनी एक ऑस्ट्रेलियाई-सूचीबद्ध फर्म को बेच दी है, जबकि आशना के पास लंदन बिजनेस स्कूल से पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री है। देश में यदि कोई पशु खरीदना चाहता था तो उसे वर्षों पुराने विकल्प पर ही काम करना पड़ता। जैसे निकटतम पशु मेले में जाना या स्थानीय पशुपालक से संपर्क करना पड़ता था। जिसमे समय और धन दोनों की बर्बादी होती थी और पशु खरीदारों को सीमित सिमित पशुओं तक सिमित रहना पड़ता था। पशुओं के बाजार भी मानकों के अनुरूप नहीं थे।
मूफार्म राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में संचालित हो रहा है। गुरुग्राम-आधारित स्टार्टअप डेयरी सर्विस पेशकश का निर्माण कर रहा है, जहां खरीदार उच्च गुणवत्ता वाले मवेशियों और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सकते हैं, कृषि से सम्बंधित जानकारी ले सकते हैं, योग्य पशु चिकित्सकों के साथ अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं और साथी किसानों से जुड़ सकते हैं।
ये एक इनोवेटिव प्लेटफार्म है जिसमें अपार अवसर है और ये इस सेक्टर में व्यापक स्तर पर प्रभाव डालेगा। आंकडों के अनुसार 2021 में डेयरी बाजार लगभग 13,174 अरब रुपये के मूल्य पर पहुंच गया। इस बाज़ार से सम्बंधित अनुसन्धान और सुझाव प्रदान करने वाली कम्पनी आईएमएआरसी समूह ने भी उम्मीद जताई है कि 2027 तक डेयरी बाजार 30,840 अरब रुपये तक पहुंच जाएगा, जो 2022 और 2027 के बीच 14.98 प्रतिशत की सीएजीआर (यौगिक वार्षिक विकास दर) प्रदर्शित करेगा।