September 30, 2024

असद एनकाउंटर : लॉकअप में रातभर फफकते रहे अतीक-अशरफ, बेटे की अंतिम यात्रा में नहीं हो पाएंगे शामिल

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 प्रयागराज

कुख्यात माफिया अतीक अहमद बेटे असद के एनकाउंटर की खबर के बाद टूट सा गया। गुरुवार को कचहरी में माफिया को जब यह खबर मिली कि उसके जिगर के टुकड़े को मार गिराया गया तो उसका कलेजा फट पड़ा। अतीक के चेहरे की हवाईयां उड़ गईं। उसकी आंखें नम हो गईं। हालांकि भरी कचहरी में वह अपने आंसू पी लिए। इसके बाद नैनी सेंट्रल जेल पहुंचते ही अतीक-अशरफ के आंसू फूट पड़े। नैनी जेल की पुरानी बैरक में अतीक बेटे असद की मौत पर फफक-फफक कर रो पड़ा। जेल में अशरफ भी खूब रोया। दोनों भाइयों को अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। देर रात तक दोनों खूब रोए। इसी जेल में अतीक का दूसरे नंबर का बेटा अली भी है। असद की मौत की खबर उस तक पहुंची तो वह भी बिलख पड़ा। अतीक, अशरफ और अली के आंसू देर रात तक जेल में थमे नहीं।  

जेल में अशरफ ने की गुजारिश, कुछ देर भाई के साथ रहने दें
मुठभेड़ में बेटे असद के मारे जाने की खबर से माफिया अतीक जेल पहुंचते-पहुंचते टूट सा गया। उसके आंसू थम नहीं रहे थे। अशरफ खुद भी बिलखता रहा, लेकिन वह भाई का ढांढस बंधाने की कोशिश में था। पहले अतीक को नैनी सेंट्रल जेल ले जाया गया। कुछ देर बाद अशरफ वज्र वाहन से पहुंचा। अशरफ अतीक के हालात को जान रहा था। ऐसे में अशरफ ने कोशिश की कि वह कुछ देर अतीक के साथ रहकर उसे तसल्ली दे सके। अशरफ ने जेल अधिकारियों से मिलने की कोशिश की, उन्हें मैसेज कराया, लेकिन कोई नहीं मिला। अशरफ कुछ देर अतीक के साथ रहना चाह रहा था। उसने अली के बारे में भी नंबरदारों से जानकारी ली। हालांकि बैरक में जाने के बाद अशरफ भी रोता ही रहा।

जनाजे में शामिल न हो पाने में कानूनी अड़चन
एनकाउंटर में मारे गए असद के पिता अतीक, चाचा अशरफ पुलिस कस्टडी में हैं तो बड़ा भाई उमर लखनऊ जेल में है। दूसरे नंबर का भाई अली नैनी सेंट्रल जेल में है। मां शाइस्ता परवीन फरार है। दोनों छोटे भाई अबान और अहजम बालगृह में रखे गए हैं। फूफी आयशा नूरी भी वांछित हैं तो फूफा डॉ. अखलाक जेल में है। पूरे परिवार को असद के जनाजे, सुपुर्दे खाक में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होगी। कोर्ट की अनुमति मिलने पर ही अतीक अपने बेटे के कफन दफन में शामिल हो सकेगा। ऐसे ही अशरफ को करना होगा। वहीं भाई की मौत पर जेल में बिलख रहे उमर और अली को भी अदालत की शरण में ही जाना होगा। हालांकि असद के शव को सुपुर्दगी में लेने के लिए कई रिश्तेदार झांसी के लिए रवाना हुए हैं। अतीक परिवार के अधिवक्ता इस मामले में अदालत से गुजारिश करेंगे। सबसे पहले तो दोनों नाबालिग बेटों की सुपुर्दगी की कोशिश की जाएगी, ताकि वह अंतिम संस्कार की तैयारी करा सकें।

 

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