चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम में संशोधन
भोपाल
प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज शुरु करने वाली निजी संस्थाओं के लिए अब खुद के स्वामित्व का भवन होना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर 25 लाख रुपए की बैंक गारंटी नर्सिंग रजिस्ट्रेशन कौंसिल में जमा कराना होगा। वहीं पहले से जिले में नर्सिंग संस्था का संचालन कर रही संस्था नवीन नर्सिंग संस्था का संचालन उस जिले में नहीं कर सकेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसके लिए नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम में संशोधन कर दिया है।
नर्सिंग कॉलेज के लिए आवेदन करने वाली संस्था के पास स्वयं का अकादमी भवन होना जरुरी होगा। यदि संस्थ के पास अपना स्वयं का अकादमी भवन नहीं है तो ऐसी स्थिति में आॅनलाईन आवेदन के समय आवेदक संस्था को इस आशय का शपथ पत्र देना होगा कि मान्यता प्राप्त होंने पर आवेदक संस्था पच्चीस लाख रुपए की बैंक गारंटी नर्सिंग रजिस्ट्रेशन कौंसिल में जमा करेगी। यदि संस्था पांच वर्ष में स्वयं का अकादमी भवन बनाने में असफल रहती है तो संस्था द्वारा जमा की गई 25 लाख रुपए की बैंक गारंटी राजसात की जाएगी। जिले के भीतर पूर्व से संचालित नर्सिंग संस्था के नाम के समान या संक्षिप्त नाम से नवीन नर्सिंग संस्था हेतु आवेदन मान्य नहीं किया जा सकेगा।
अध्यापन के लिए 15 साल का अनुभव जरूरी
नर्सिंग प्रशिक्षण संस्था में प्राचार्य जीएनएम के पद को छोड़कर अन्य शैक्षणिक पदों के लिए एमएससी नर्सिंग के साथ पंद्रह वर्ष का अनुभव इसमें अध्यापन का बारह वर्ष का अनुभव जरुरी होगा। नर्सिंग कॉलेज में अध्यापन का पांच वर्ष का अनुभव भी जरुरी होगा। एमएससी नर्सिंग की अध्ययन अवधि दो वर्ष की गणना भी अध्यापन अनुभव अवधि में सम्मिलित होगी।
लीज डीडी 30 वर्ष की ही मान्य
समिति के सदस्य एवं समिति के मध्य अकादमी भवन के लिए लीज डीडी न्यूनतम तीस वर्ष के लिए रजिस्टर्ड होने पर ही मान्य की जाएगी। इसके अलावा नर्सिंग संस्था में संचालित पाठयक्रम हेतु पैरेन्ट अस्पताल में अनुसूची तीन में उल्लेखित बिस्तर संख्या से अधिक बिस्तर उपलब्ध होंने की स्थिति में शेष बिस्तरों को अन्य नर्सिंग संस्था के संचालन हेतु संबद्धता प्रदान कर सकेंगी। यदि कोई समिति, ट्रस्ट, कंपनी जिले में किसी नर्सिंग संस्था का संचालन करती है तो वह उस जिले में नवीन नर्सिंग संस्था का संचालन नहीं कर सकेगी।