September 30, 2024

पुलिस में करप्शन पर जीरो टारलेंस, डीजीपी के सख्त एक्शन

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भोपाल
प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पुलिसकर्मियों को डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने ऐसी सजा दी है कि बाकी पुलिसकर्मियों और अफसरों के लिए सबक बन सकती है। डीजीपी ने भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे और गड़बड़ी करने वालों को न सिर्फ निलंबित किया बल्कि उन्हें मुख्यालय वाले जिले से 700- 800 किलोमीटर दूर अटैच किया।

पुलिस में इस तरह की सजा पहली बार देखने को मिली है। आमतौर पर ऐसे पुलिसकर्मियों और अफसरों का निलंबन तो हो जाता है, लेकिन उन्हें उसी जिले में अटैच कर दिया जाता था। अब डीजीपी ने ऐसा निर्णय लेकर भ्रष्टाचारियों को अपने तेवर दिखा दिए हैं। एक दर्जन पुलिसकर्मी और अफसरों को निलंबित करने के बाद उन्हें दूसरे जिलों में अटैच किया है। अगले आदेश तक ये सभी लाइन अटैच ही रहेंगे। यह एक्शन पिछले 19 दिनों में पुलिस महकमे में सामने आए प्रकरणों के बाद डीजीपी ने लिया है। इसमें रीवा मे ट्रैफिक सूबेदार दिलीप कुमार तिवारी एवं आरक्षक अमित सिंह को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते पकड़ा था।

डीजीपी के आदेश पर दिलीप तिवारी को निलंबित कर रीवा से शाजापुर एवं अमित सिंह को रीवा से भिंड भेजा गया है।  रीवा जिले के समान थाना प्रभारी सुनील कुमार गुप्ता और उप निरीक्षक रानू वर्मा होटल संचालक पर अड़ी रख रहे थे, लोकायुक्त पुलिस ने छापा डाला तो दोनों थाना छोड़कर भाग गए थे। सुनील कुमार गुप्ता को रीवा से खंडवा एवं रानू वर्मा को रीवा से टीकमगढ़ स्थानांतरित किया गया। रीवा जिले में ही मऊगंज थाने के कार्यवाहक एएसआइ राजकुमार पाठक को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा। एएसआइ को रीवा से बड़वानी स्थानांतरित किया गया है।

मुरैना में साइबर सेल द्वारा गड़बड़ी किए जाने की शिकायत मिली थी, इस आधार पर डीजीपी के निर्देश पर एसआई  सचिन पटेल (एसएएफ) प्रभारी साइबर सेल मुरैना को वापस एसएएफ में भेज कर उनका तबादला 34 वीं बटालियन धार किया गया। आरक्षक सर्वजीत सिंह को मुरैना से आलीराजपुर, रवि पटेल को मंडला, अजीत जाट को बुरहानपुर और प्रशांत नरवरिया को झाबुआ स्थानांतरित किया गया है।

 मुरैना के यातायात थाना प्रभारी अखिल नागर का थाने में शराब पीते हुए वीडियो आने पर उन्हें निलंबित कर मुख्यालय मुरैना से खरगोन किया गया। उज्जैन में आरक्षक रवि कुशवाहा को लोकायुक्त पुलिस ने  रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। इस पर आरक्षक को निलंबित कर मुख्यालय उज्जैन से सीधी किया गया है।

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