September 30, 2024

जिला चिकित्‍सालय की डायलिसिस युनिट मानवसेवा की मिसाल बनी

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2007 से 2022 तक कुल 86521 डायलिसिस सेशन संपन्‍न किए गए
रतलाम

किडनी  की  बीमारी सबसे मुश्किल बीमारियों में से एक  है । आर्थिंक रूप से  संपन्‍न व्‍यक्ति के लिए भी इसके इलाज का खर्च वहन करना कठिन है। ऐसे में रतलाम के जीडी अंकलेसरिया रोटरी ट्रस्‍ट द्वारा संचालित केंद्र दीनदयाल उपचार कार्ड एवं आयुष्‍मान कार्डधारक हितग्राहियों के  लिए सहारा बना है । वर्ष 2007 से संचालित केंद्र में 2022 तक 86521 डायलिसिस सेशन संपन्‍न किए गए।शादाब  पिता सलीम मंसूरी की उम्र लगभग 30 से 35 वर्ष ने डनी की बीमारी होने पर वर्ष 2009 में  लाईफ लाईन अस्‍पताल इंदौर में पहली बार डायलिसिस कराया जिसका खर्च लगभग 800 रूपये आता था । फिर इंदौर के लाबरिया भेरू  क्षेत्र में क्‍लाथ मार्केट र्अस्‍पताल में  डायलिसिस कराया जिसमें प्रति सेशन खर्च लगभग 800 रूपये आता था ।

श्री शादाब के पास बीमार होने के कारण कोई व्‍यवसाय नहीं है। ऐसे में बडनगर उज्‍जैन निवासी होने के बावजूद उन्‍होंने रतलाम के केंद्र पर पिछले 7 साल से दीनदयाल कार्ड एवं  आयुष्‍मान कार्ड होने के आधार पर डायलिसिस की सेवाऐं निरंतर प्राप्‍त कर  रहे हैं । वे बताते है कि लगभग 450 से ज्‍यादा बार डायलिसिस करवा चुके हैं। शासन द्वारा नि::शुल्‍क डायलिसिस की सुविधा के लिए सरकार को धन्‍यवाद देते हैं।  रतलाम  के टाटानगर निवासी मुकेश राठी बताते हैं कि कम उम्र ही ह्रदयाघात की समस्‍या होने पर किडनी की बीमारी का पता चला। दीनदयाल कार्ड एवं आयुष्‍मान कार्ड केआधार पर पिछले 9 साल से रतलाम  के डायलिसिस यूनिट में निशुल्‍क सेवाऐं प्राप्‍त कर रहे हैं। उनकी बीमारी का इलाज पिछले 14 साल से चल रहा है। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण इस भयंकर बीमारी का खर्च वहन करना असंभव था किंतु शासन द्वारा केंद्र की स्‍थापना से  अपना उपचार करवा सके हैं  वे शासन को धन्‍यवाद देते हैं।केंद्र के स्‍टॉफ ने बताया कि केंद्र पर  कुल 15  मशीनें कार्यरत है जिससे लगभग 12 डायलिसिस के सेशन प्रतिदिन किए जा रहे हैं। संस्‍था का मेनेजमेंट गुस्‍ताद अंकलेसरिया, भवानीशंकर शर्मा, मुकेश जैन एवं अन्‍य ट्रस्‍टी पूरे समय सेवाओं की गुणवत्‍ता पर ध्‍यान देते हैं जिसके परिणामस्‍वरूप जिला चिकित्‍सालय का डायलिसिस  केंद्र प्रदेश में गुणवत्‍ता एवं सेवा प्रदायगी के मामले में  पहले स्‍थान पर माना जाता है।

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