जहरीली शराब पर मुआवजा नहीं धोखा दे रही नीतीश सरकार, बीजेपी ने शर्तों पर उठाए सवाल
पटना
बिहार की नीतीश सरकार ने जहरीली शराब से मौतों पर 4 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है। लेकिन अब बिहार बीजेपी ने राज्य सरकार के इस फैसले को धोखा देने वाला करार दिया है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता मनोज शर्मा ने आरोप लगाया है कि मुआवजा के नाम पर बिहार सरकार लोगों को धोखा दे रही है। सरकार की हठधर्मिता के कारण बिहार के मासूम लोगों की जान जा रही है। पहले तो जहरीली शराब की वजह से हजारों परिवार बर्बाद हो गए। भाजपा की मांग पर मुआवजा देने का ऐलान भी किया तो कई तरह के पेच लगा दिए गए ताकि पीड़ित परिवार को मुआवजा की राशि न मिल सके।
सरकार ने शर्तों में उलझाया
उन्होंने कहा कि सरकार ने शर्त रखी है कि शराब कहां से ली? शराब बेचने वाले का नाम और पता बताना होगा। सभी सवालों का जवाब परिजनों को बताना होगा। सवाल यह है कि जो व्यक्ति शराब पीने जाता है तो वो क्या घर में बता कर जाता है? क्या वो कहकर जाएगा कि वो जहां जा रहा है वहां जहरीली शराब मिलती है। परिजनों से ये सवाल पूछना बेतुका और बेवजह है। परिजनों को यह पता हो और प्रशासन को बता भी देगा तो पीड़ित परिवार की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा?
जहरीली शराब से मौतों पर 4 लाख का मुआवजा
आपको बता दें पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब से 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद नीतीश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख के मुआवजे का ऐलान किया था। जिसके लिए राज्य के मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर अवगत कराया था। जहरीली शराब से मौत पर मुआवजा साल 2016 से लागू होगा। मतलब ये कि साल 2016 से अब तक जितने भी लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। उनके परिजनों को मुआवजा राशि सौंपी जाएगी। जिसके लिए उन्हें शराबबंदी के पक्ष में शपथ पत्र भी देना होगा। और फिर बाकी ब्यौरा देने के बाद पीड़ितों को मुआवजे की राशि सकेगी।