September 28, 2024

अनूपपुर जिला जल अभावग्रस्त घोषित, अब नलकूप खनन पर मनाही

0

कलेक्टर ने जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश  

अनूपपुर
वर्तमान में एवं आगामी ग्रीष्म ऋतु में जनता के लिए पीने के पानी एवं निस्तार की आवश्‍यकता पूर्ति के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने जिले के सभी तहसीलों के कुओं एवं नलकूपों का जल स्तर अत्यधिक नीचे चले जाने के कारण पेयजल एवं निस्तार हेतु कलेक्टर ने म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 के अंतर्गत अनूपपुर जिले को जल अभाव ग्रस्त घोषित किया है।

 उन्होंने यह आदेश दिया है कि कलेक्टर कार्यालय की अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति किसी जलस्त्रोत जैसे नदी, बंधान, जलधारा, जलाषय बंधान आदि से सिंचाई या अन्य औद्योगिक प्रयोजन हेतु उपयोग नही कर सकेगा। कलेक्टर या प्राधिकृत अन्य अधिकारी की अनुज्ञा के बिना कोई भी निजी नलकूप खनन नही किया जाएगा। जिले के सतही जल स्त्रोत नदी, नाले के डाऊन स्टीम में सतह के नीचे भूमिगत बहाव रोकने, कलेक्टिंग पाईप/रेडियल कलेक्टर बेल का उपयोग कर जल का उपयोग नही किया जाएगा। जिले में नदी, नालों पर संचालित उद्वहन योजनाओं में पानी की उपलब्धता के आधार पर संबंधित ग्राम पंचायत व जल उपभोक्ता संस्था की अनुशंसा और जल संसाधन विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर कार्यालय द्वारा सिचाई की अनुमति दी जाएगी।

 जिन नदी, नालों में पानी नही बह रहा है, वहां नदी, नालो में रुके हुए पानी के लिए कोई अनुमति नही दी जाएगी। केन्द्रीय शासन एवं उनके उपक्रमों और राज्य शासन के विभागों व उनके उपक्रमों को नलकूप खनन की छूट इस शर्त पर दी गई है कि जिस स्थान पर नलकूप खनन किया जा रहा है, वह म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 6 के अनुसार व्यक्तिकरण परिक्षेत्र में नही आता हो अर्थात् उस स्थल के 100 मीटर के भीतर कोई ऐसा नलकूप न हो जिस पर सार्वजनिक जल प्रदाय व्यवस्था आधारित हो। उक्त शर्त के पालन की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी।

उक्तानुसार निर्धारित क्षेत्रों में नदी, बांधों, नहरों, जलाषयों, बंधानों से घरेलू प्रयोजन के अतिरिक्त किसी अन्य प्रयोजन के लिए पानी का उपयोग नही किया जा सकेगा। यदि कोई व्यक्ति आदेश का उल्लंघन कर नलकूप खनन करता है तो वह अधिनियम की धारा 9 के अंतर्गत दो वर्ष के कारावास या जुर्माने से जो 2 हजार रुपये तक का हो सकेगा या दोनो से दण्डनीय होगा। यदि कोई भी व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्र में सिंचाई अथवा औद्योगिक प्रयोजन के लिए पानी के उपयोग के लिए अनुमति चाहता है, तब वह अधिनियम की धारा 4 व संबंधित नियमों के अंतर्गत संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।

 इसी प्रकार कोई व्यक्ति नलकूप खनन की अनुमति चाहता है, तो अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत आवेदन उक्त प्राधिकृत अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत कर सकता है। उक्त अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत नवीन बोरिंग खनन/बोरिंग सफाई के विषेष परिस्थितियों में अनुमति देने संबंधित अधिकार भी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को दिए गए हैं। कलेक्टर श्री आषीष वशिष्ठ ने जारी आदेश अच्छी वर्षा होने तक प्रभावशील रहने के संबंध में कड़ाई से पालन के निर्देश दिए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *