एसईसीएल ने नेशनल कोल लॉजिस्टिक्स प्लान पर स्टेकहोल्डर्स कॉन्सलटेंशन का आयोजन किया
बिलासपुर
एसईसीएल द्वारा नेशनल कोल लॉजिस्टिक्स प्लान पर स्टेकहोल्डर्स कॉन्सलटेंशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। नीति आयोग एवं कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के दिशानिदेर्शों पर पीएम गतिशक्ति योजना के अंतर्गत कोयला प्रेषण नीतियों को बेहतर बनाने के लिए कोल इंडिया द्वारा देश भर में अपनी विभिन्न अनुषंगी कंपनियों द्वारा स्टेकहोल्डर्स कॉन्सलटेंशन का आयोजन किया जा रहा है। इसी तारतम्य में एसईसीएल बिलासपुर द्वारा स्टेकहोल्डर्स कॉन्सलटेंशन का आयोजन किया गया। इससे पहले सीसीएल द्वारा रांची में एवं एमसीएल द्वारा भुवनेश्वर में कॉन्सलटेंशन का आयोजन किया जा चुका है।
कार्यक्रम में श्री एस के पाल, निदेशक तकनीकी (संचालन), एसईसीएल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ श्री एसएन कापरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना), एसईसीएल, श्री सलिल झा, वरिष्ठ सलाहकार (रेलवे) कोल इंडिया, श्री एके रॉय, महाप्रबंधक (पीएमडी), श्री आईडी नारायण, क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय संस्थान-।, सीएमपीडीआई, डॉ दिनेश कुमार मिश्रा, उप निदेशक (खनन), छत्तीसगढ़ शासन की विशिष्ट उपस्थिति रही।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री एस के पाल ने कहा कि भारत एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और आने वाले समय में कोयला ऊर्जा का मुख्य स्रोत बना रहेगा और बिजली बनाने में इसकी प्रमुख भूमिका बरकरार रहेगी। जैसे-जैसे कोयला उत्पादन बढ़ेगा, कोयला प्रेषण के लिए एक मजबूत आधारभूत संरचना बनाने पर भी काम करना होगा।
स्टेकहोल्डर कॉन्सलटेंशन कार्यक्रम का उद्देश्य पीएम गति शक्ति प्लान के अंतर्गत नेशनल कोल लॉजिस्टिक्स पालिसी पर प्रमुख स्टेकहोल्डरों से चर्चा करना और इसको और बेहतर बनाने हेतु सुझाव प्राप्त करना है। देश में कोयला परिवहन के लिए परिवहन और लॉजिस्टिक्स के बुनियादी ढांचे में सुधार, दक्षता बढ़ाने, लागत कम करने और सतत धारणीय नवाचारों को बढ़ावा देने में इस नीति की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। आज सम्पन्न हुई कार्यशाला में प्राप्त सुझाव आने वाले समय में कोयला प्रेषण नीति को और प्रभावी बनाने में कारगर साबित होंगे।
2021-22 की बात करें तो अनुमानों के अनुसार लगभग 415 एमटी कोयला रेल के द्वारा डिस्पैच किया गया। साल 2030 तक घरेलू कोयला उत्पादन के 1.5 बिलियन टन तक पहुँचने की उम्मीद है वहीं कोयले की मांग 1.3 से 1.9 बिलियन टन के बीच रहने की उम्मीद है। भविष्य की मांग और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोयला निकालने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
कार्यशाला में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और छत्तीसगढ़ राज्यों से आए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स ने नेशनल कोल लॉजिस्टिक्स प्लान पर अपने विचार और सुझाव रखे और कोयला प्रेषण नीतियों को और कारगर बनाने हेतु चर्चा में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में कंसल्टेंसी फर्म डेलॉइट के प्रतिनिधियों द्वारा नेशनल कोल लॉजिस्टिक्स प्लान से सम्बन्धित अध्ययन एवं भविष्य के कोयला प्रेषण प्लान को लेकर पॉवरपॉइंट द्वारा एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया गया।