‘तिकड़ी’ ही बनी अतीक अहमद की मौत की वजह, माफिया को जीवनभर ‘3’ ने सताया
नई दिल्ली
माफिया अतीक अहमद की जिंदगी में तीन अंक हमेशा ही परेशानी का सबब रहा। जब भी तीन अंक उसकी जिंदगी में जुड़ा तो भूचाल आ गया। इसी तीन अंकों ने उसकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया। मौत के वक्त भी तीन अंकों ने पीछा नहीं छोड़ा। मौत के बाद भी तीन अंक ही पीछे चल रहा है। क्या है तीन अंकों का खेल। राजू पाल हत्याकांड, 3 मौत : 25 जनवरी 2005। बसपा विधायक राजू पाल को धूमनगंज में गोलियों से छलनी कर दिया गया था। राजू की दोनों गाड़ियों पर हमला हुआ था। इस हमले में राजू पाल के अलावा देवीलाल पाल और संदीप यादव भी मारे गए थे। रुखसाना समेत कई लोग घायल हुए। तीन लोगों की हत्या के बाद अतीक अहमद और अशरफ नामजद हुए। इसी हत्याकांड के बाद अतीक का राजनीतिक कॅरियर उखड़ने लगा।
उमेश पाल हत्याकांड, 3 मौत : 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की धूमनगंज में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हमले में उमेश पाल के अलावा दो सिपाही राघवेंद्र और संदीप भी मारे गए। तिहरे हत्याकांड में अतीक का बेटा एनकाउंटर में मारा गया। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक का पूरा परिवार आरोपी बना। उसके दो नाबालिग बेटे बाल संप्रेक्षण गृह में बंद हैं।
उमेश अपहरण कांड में 3 को सजा : उमेश पाल को अगवा करने के मामले में 28 मार्च 2023 को कोर्ट ने फैसला सुनाया। अतीक अहमद, उनके अधिवक्ता खान सौलत हनीफ और दिनेश पासी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अशरफ समेत अन्य आरोपी बरी हो गए। इस केस में एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है। सिर्फ तीन लोगों को सजा हुई।
अतीक हत्याकांड, 3 शूटर : अतीक अहमद और अशरफ को लेकर धूमनगंज पुलिस 15 अप्रैल 2023 को कॉल्विन अस्पताल मेडिकल जांच कराने पहुंची थी। उसी वक्त मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे तीन शूटर अरुण, सनी और लवलेश ने अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन तीनों शूटरों के अलावा अभी किसी चौथे व्यक्ति का नाम प्रकाश में नहीं आया है।
एसआईटी का गठन, 3 सदस्य : अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद पुलिस अफसरों ने इस केस की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। इस टीम में तीन सदस्य हैं। एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र, एसीपी सत्येंद्र तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश। एसआईटी में शामिल तीनों पुलिसकर्मी इस हत्याकांड की जांच कर रहे हैं।
न्यायिक आयोग, 3 सदस्य : अतीक अहमद और अशरफ की हत्या पुलिस हिरासत में हुई थी। पुलिस कस्टडी में मौत होने पर सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया। इस आयोग में भी तीन सदस्य हैं। एक हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस, दूसरे पूर्व डीजी और तीसरे पूर्व जज हैं। तीनों अफसर प्रयागराज आकर घटना स्थल देख चुके हैं।