MP में फसल नुकसान पर अब ज्यादा मुआवजा, विभिन्न प्रकार के पट्टे देने पर सहमति
भोपाल
भोपाल में आज सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में कैबिनेट अहम बैठक की सम्पन्न हुई, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए। इस कैबिनेट बैठक की ब्रीफिंग करते हुए मप्र सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि विभिन्न प्रकार के पट्टे देने पर कैबिनेट ने सहमति दी हैं।
डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि बैठक में फसल क्षतिपूर्ति संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। RBC 6(4) में भी संशोधन कर राशि बढ़ाई गई है। उन्होने कहा कि इस मद में अधिकतम राशि देने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य हैं। राजस्व न्यायालयों के कंप्यूटरीकरण के लिए अगले 5 सालों के लिए 7000 करोड़ रूपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई। इसी के साथ उन्होने बताया कि बिजली विभाग के लाइनमैन को जोखिम भत्ता 1000 रूपये दिया जाएगा। ग्वालियर अस्पताल में 972 नए पदों की स्वीकृति दी गई है। पन्ना जिले के दो सिंचाई परियोजना की पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई है। इंदौर में न्याय की प्रतिमूर्ति अहिल्यादेवी के स्मारक के लिए निशुल्क जमीन की स्वीकृति दी गई। पूर्व में स्थापित 100 दीनदयाल रसोई केंद्रों के अतिरिक्त विभिन्न नगरीय निकायों में 45 नवीन रसोई केन्द्रों की स्वीकृति दी गई है।
सरकार ने आरबीसी 6 (4) के तहत सहायता देने के मापदंड में संशोधन करते हुए राहत राशि में वृद्धि का निर्णय लिया है। शरीर के किसी अंग अथवा आंखों की हानि पर राहत राशि 5,100 से बढ़ाकर 74,000 की गई। बाढ़ भूस्खलन में पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि भूमि पर मलबा हटाने के लिए राशि 12,200 से बढ़ाकर 18,000 प्रति हैक्टेयर की गई है। सीमांत या लघु कृषक की भूमि नष्ट होने पर राहत राशि 37,500 से बढ़ाकर 47,000 प्रति हैक्टेयर की गई है। प्राकृतिक आपदा में दुधारू पशु की क्षति होने पर राहत राशि 30,000 से बढ़ाकर 37,500 की गई। मछुआरों को दी जाने वाली सहायता 4,100 से बढ़ाकर 6,000 की गई। वहीं बुनकर-हस्तशिल्पों की क्षति जिसमें कच्चा माल उपकरण आदि नष्ट होने पर राहत राशि 4,100 से बढ़ाकर 5,000 की गई है।
ओले से प्रभावित फसल के मुआवजे की रकम बढ़ाने का फैसला हुआ है। बिजली विभाग में आउटसोर्स लाइनमैन को सैलरी के अलावा हर महीने 1000 रुपए जोखिम भत्ता दिया जाएगा। ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के 1000 बिस्तर अस्पताल में 972 नए पद को भी मंजूरी दी गई है। इंदौर में देवी अहिल्या बाई होलकर के स्मारक के लिए की सरकार 1.215 हेक्टेयर जमीन देगी।
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, राजस्व विभाग के अंतर्गत आरबीसी 6/4 में संशोधन किया है। मध्यप्रदेश अब देश में सबसे ज्यादा फसल मुआवजा देने वाला राज्य बन गया है। उधर, आज कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को मिलेट्स (मोटे अनाज) से बने फूड प्रोडक्ट्स परोसे गए।
0 से 2 हेक्टेयर तक के किसानों को इतने नुकसान पर इतना मुआवजा…
25% से 33% फसल को नुकसान पर
वर्षा आधारित फसल के लिए 5500 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 9500 रु. प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 9500 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल को नुकसान होने पर) 16000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मदद राशि दी जाएगी। सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 19000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा।
33% से 50% फसल को नुकसान पर
वर्षा आधारित फसल के लिए 8500 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 16500 रु. प्रति हेक्टेयर। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 19000 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल को नुकसान होने पर) 21000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 27000 रु. प्रति हेक्टेयर, सेरीकल्चर (ऐरी, शहतूत और टसर) के लिए 65000 रु. प्रति हेक्टेयर, मूंगा के लिए 8000 रु. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।
50% से अधिक फसल को नुकसान पर
वर्षा आधारित फसल के लिए 17000 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 32000 रु. प्रति हेक्टेयर। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 32000 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल नष्ट होने पर) 32000 रुपए प्रति हेक्टेयर, सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 32000 रुपए प्रति हेक्टेयर, सेरीकल्चर (ऐरी, शहतूत और टसर) फसल के लिए 13000 रुपए प्रति हेक्टेयर और मूंगा के लिए 16000 रु. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।
सरकारी जमीन पर धारणाधिकार पट्टे देने को मंजूरी
नगरीय क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर रह रहे लोगों को धारणाधिकार पट्टे देने के लिए मुख्यमंत्री ने पहले घोषणा कर दी थी। इसे आज मंजूरी मिली। खासकर सिंधिया समाज के लोग, जो बाहर से आए, उन्हें पट्टे दिए जाएंगे। पट्टे के लिए पात्रता अवधि (अधिभोग की तिथि में वृद्धि कर) 31 दिसंबर, 2014 से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 की गई है। 31 जुलाई, 2023 तक सक्षम प्राधिकारी को आवेदन करना होगा। जमीन के 30 साल के लिए स्थायी पट्टे जारी किए जाएंगे।
कैबिनेट में ये फैसले भी हुए…
- मध्यप्रदेश में 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र बढ़ेंगे। कलेवर नया होगा। 100 रसोई पहले से चल रही हैं।
- सतना मेडिकल कॉलेज के पहले चरण के निर्माण के लिए 302 करोड़ की जगह 328.79 करोड़ रु. की स्वीकृति।
- पन्ना जिले की रुंझ मध्यम सिंचाई परियोजना को रिवाइज्ड स्वीकृति दी गई। इसकी लागत 513.72 करोड़ रुपए थी।
- रुंझ की सिंचाई का क्षेत्र 14450 हेक्टेयर है। इससे अजयगढ़ तहसील के 47 गांव में 14450 हेक्टेयर में सिंचाई होगी।
- पन्ना जिले की मझगांय मध्यम सिंचाई परियोजना को भी रिवाइज्ड प्रशासकीय स्वीकृति मिली। इसकी लागत 693.64 लाख रु. है।
- मझगांय की सिंचाई का रकबा 13060 हे. है। इससे पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील के 38 गांव में 13060 हे. जमीन सिंचित होगी।
- सीएम राइज स्कूल योजना के अंतर्गत 70 सर्व सुविधा संपन्न विद्यालय के लिए अनुमानित लागत 2843 करोड़ रु. की स्वीकृति दी गई।
- राजस्व न्यायालयों के कंप्यूटराइजेशन प्रोजेक्ट के लिए 2028 तक 7348.65 करोड़ रुपए खर्च करने की स्वीकृति दी गई।
- इंदौर के नंदानगर में कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय संकाय शुरु किए जाएंगे। यहां 47 नए पद स्वीकृत किए गए। 22 शैक्षणिक पद हैं।