November 24, 2024

गलवान में जहां पति हुए शहीद, पत्नी वहीं अफसर बनकर संभालेंगी मोर्चा; रेखा सिंह बनीं लेफ्टिनेंट

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 नई दिल्ली
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी संघर्ष में शहीद होने वाले बिहार रेजीमेंट के नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह ने सेना में बतौर अफसर कमीशन प्राप्त किया है। उन्हें सैन्य आयुध कोर में लद्धाख में तैनाती मिली है। जिस क्षेत्र में पति की शहादत हुई, वहीं अब पत्नी अफसर बनकर मोर्चा संभालेंगी। अगले कुछ दिनों में वह लद्दाख में पहुंच जाएंगी।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि नवंबर 2019 में रेखा सिंह का विवाह दीपक सिंह के साथ हुआ था। विवाह के करीब आठ महीने के भीतर ही 15 जून 2020 को हुए गलवान घाटी संघर्ष में दीपक शहीद हो गए। दीपक सेना मेडिकल कोर से थे, जो 16वीं बिहार रेजीमेंट से अटैच किए गए थे। गलवान घाटी संघर्ष के दौरान भी वे अंतिम सांस तक अपनी जिम्मेदारी निभाते रहे। शहीद होने से पूर्व उन्होंने 30 घायल जवानों का इलाज कर उनकी जानें बचाई थीं। उन्हें इस बहादुरी के लिए मरणोपरांत वीर चक्र भी दिया गया है।

इतना कुछ होने के बावजूद रेखा का हौंसला बुलंद रहा। हादसे से उबरने के बाद रेखा ने पढ़ाई पूरी की और सेना में अफसर बनने के लिए तैयारियां पूरी की। परमवीर चक्र और महावीर चक्र के बाद वीर चक्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन सैन्य सम्मान है।

2022 में वह यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुई। इसके बाद एसएसबी साक्षात्कार के जरिये उनकी नियुक्ति हुई। शनिवार को ओटीए, चेन्नई में उनका प्रशिक्षण पूरा हुआ और बतौर लेफ्टिनेंट उन्होंने सेना में कमीशन प्राप्त किया। रेखा सिंह मध्य प्रदेश के रीवा की निवासी हैं। सेना में ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जब शहीदों की पत्नियों ने हिम्मत दिखाकर सेना में करियर बनाने को प्राथमिकता दी। युद्ध विधवाओं को वीर नारी कहा जाता है। उनके लिए पांच फीसदी सीटें भी आरक्षित रखी गई हैं।

गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़पों में शहीद हुए नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह शनिवार को सेना में अधिकारी बन गईं। रेखा सिंह को लेफ्टिनेंट के तौर पर भारतीय सेना में शामिल किया गया है। उन्हें पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एक अग्रिम अड्डे पर तैनात किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में एक साल का अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया। नायक दीपक सिंह बिहार रेजीमेंट की 16वीं बटालियन से थे और उन्हें 2021 में मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

सेना ने ट्वीट किया, ''शहीद नायक (नर्सिंग सहायक) दीपक सिंह की पत्नी महिला कैडेट रेखा सिंह ओटीए से अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भारतीय सेना में शामिल हुईं।'' उसने बताया कि नायक दीपक सिंह ने गलवान घाटी में हुई झड़पों में सर्वोच्च बलिदान दिया था।

 

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