November 25, 2024

सर्वे के अनुसार कर्नाटक में BJP की वापसी, टूटेगा 38 साल का रिकॉर्ड

0

बेंगलुरु

कर्नाटक का रण तैयार है। 10 मई को मतदान के बाद 13 मई को ऐलान हो जाएगा कि दक्षिण भारतीय राज्य की गद्दी पर कौन सा दल काबिज होने वाला है। इसी बीच चुनाव से पहले किए गए एक सर्वे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए अच्छी खबर मिलती दिख रही है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि भाजपा इस बार फिर सैकड़ा पार करने जा रही है। 2018 विधानसभा चुनाव की तुलना में कांग्रेस का भी प्रदर्शन सुधरने के आसार हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट में कन्वर्जेंट इंस्टीट्यूट की तरफ से किए गए प्री-पोल सर्वे में भाजपा को 105 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। जबकि, 2018 में घोषित नतीजों में भाजपा को 104 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस को 87 सीटें जीतती हुई नजर आ रही है। बीते चुनाव में पार्टी ने 78 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि, 2018 में 37 सीटें जीती जनता दल सेक्युलर को 5 सीटों का नुकसान हो सकता है। सर्वे में पार्टी को 32 सीटें पर रखा गया है।

भाजपा का घोषणापत्र
सोमवार को ही भाजपा ने राज्य में अपना घोषणापत्र जारी किया है। इसमें पार्टी ने राज्य में चुनाव जीतने पर यूसीसी और एनआरसी लागू करने का वादा किया है। साथ ही गरीबी रेखा के नीचे परिवारों को आधा लीटर नंदिनी दूध प्रतिदिन दिया जाएगा। हर महीने परिवार के हर सदस्य को 5 किलो चावल और 5 किलो बाजरा मिलेगा। भाजपा ने उगादी, गणेश चतुर्थी और दिवाली के मौके पर पर बीपीएल परिवारों को तीन मुफ्त गैस सिलेंडर देने की बात कही है।

भाजपा के वादों की फेहरिस्त में कर्नाटक ओनरशिप एक्ट में संशोधन, हर वार्ड में लैब का निर्माण, दिवंगत अभिनेता पुनीत राजकुमार के नाम पर मैसूर में फिल्म सिटी का नामकरण और अटल आहार केंद्र भी शामिल हैं।

टूट सकता है दशकों का रिकॉर्ड
खास बात है कि कर्नाटक में साल 1985 के बाद कभी भी सत्तारूढ़ दल ने चुनाव नहीं जीता है। ऐसे में अगर ये प्री पोल सर्वे सटीक साबित होते हैं, तो संभावनाएं बढ़ा जाएंगी कि राज्य में भाजपा दोबारा सरकार बना ले। हालांकि, 2018 में भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर कुछ समय के लिए गठबंधन सरकार बना ली थी।

भाजपा और कांग्रेस दोनों को जीत जरूरी
एक ओर जहां भाजपा दक्षिण भारत में सियासी विस्तार करने की कोशिश कर रही है। वहीं, कांग्रेस भी बड़ी जीत की तलाश है। ताजा जीत के साथ दक्षिण भारत में भाजपा अपना पक्ष मजबूत करना चाहेगी। इधर, 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकता की अटकलों के बीच नेतृत्व की दावेदारी के लिए जीत दर्ज करनी होगी। पार्टी के नेता भी कह रहे हैं कर्नाटक की जीत बूस्टर साबित होगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed