प्रशासनिक नौकरी छोड़ चुनाव मैदान में उतरेंगी डिफ्टी कलेक्टर निशा बांगरे
भोपाल
संविधान को साक्षी मानकर विवाह करने वाली डिफ्टी कलेक्टर निशा बांगरे एक बार फिर चर्चाओं में हैं। इसबार उनकी चर्चा प्रशासनिक नौकरी छोड़ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी के चलते है। निशा को राजनीति भा गई है। उनका कहना है कि पॉलिटिक्स जनता की सेवा करने के लिए एक बेहतर माध्यम है, इसलिए वह राजनीति में आना चाहती हैं।
राजनीति में आकर वो जन सेवा करना चाहती हैं। इसके लिए वे अपनी शासकीय नौकरी छोड़ने को भी तैयार हैं, हालांकि वो किस पार्टी के साथ काम करेंगी फिलहाल यह तय नहीं किया है। गौरतलब है कि निशा बालाघाट जिले की किरनापुर तहसील के चिखला की रहने वाली हैं। उनके पिता प्राचार्य हैं। निशा बांगरे फरवरी 2019 में उस समय चर्चा में आई थी, जब उन्होंने संविधान को साक्षी मानकर शादी की थी। वर्तमान में वे छतरपुर जिले के लवकुशनगर में एसडीएम हैं। इससे पहले वे राजधानी भोपाल में भी पदस्थ रह चुकी हैं।
इस पद पर भी हो चुकी हैं नियुक्ति
निशा बांगरे एमपी की चर्चित अधिकारी हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद निशा बांगरे ने गुरुग्राम स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। नौकरी में बहुत ज्यादा दिनों तक मन नहीं लगा तो सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद निशा बांगरे का चयन एमपी में डीएसपी के पद पर हो गया है। निशा बांगरे 2016 में डीएसपी बनी थीं। वहीं, 2017 में निशा बंगारे का चयन एमपी में डेप्युटी कलेक्टर के पद पर हो गया। इसके बाद उन्होंने डीएसपी की नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
हो चुकी है बात…
बताया जा रहा है कि एक राजनीतिक पार्टी की इंटरनल सर्वे रिपोर्ट में बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से निशा का नाम निकलकर सामने आया है। इसी वजह से उनके राजनीति में उतरने की चर्चा हो रही है। सूत्रों के अनुसार निशा की एक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से चुनाव लडने को लेकर पहले दौर की बातचीत भी चुकी है। यह बातचीत खजुराहो में हुई थी।