अयोध्या राम मंदिर में रामलला के श्रीविग्रह का निर्माण नेपाल व मैसूर की शिला से होगा
अयोध्या
श्रीरामजन्म भूमि में निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में विराजित होने वाले रामलला के श्रीविग्रह के निर्माण की तैयारियों के बीच शिलाओं की उलझन कुछ हद तक दूर हो गयी है। बताया गया कि नेपाल व मैसूर की एक-एक शिलाओं के टुकड़ों से श्रीविग्रह का निर्माण किया जाएगा। यह भी बताया गया कि इन दोनों शिलाओं से पांच गुणा दो गुणा तीन फीट लंबा-चौड़ा व ऊंचा टुकड़ा निकाल कर उसी से श्रीविग्रह का निर्माण कराया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से रामलला के श्रीविग्रह का निर्माण श्याम वर्ण शिला से करने के निर्णय के बाद कर्नाटक के मैसूर से लाई गयी प्रथम दो शिलाओं की कटिंग कराकर उनकी गुणवत्ता जांची गई थी।
एक शिला में स्क्रेच के कारण उसे रिजेक्ट कर दिया गया था जबकि दूसरी शिला को ठीक माना गया था। इसी कड़ी में नेपाल से लाई गई पहली देवशिला भी परीक्षण में फेल साबित हुई। इस शिला में भी अंदर की ओर दरारें पाई गईं। इसके चलते नेपाल की भी दूसरी शिला का भी परीक्षण चल रहा है लेकिन इसकी कटिंग से पहले घिसाई का काम शनिवार को भी जारी रहा। इस बीच रामलला के श्रीविग्रह के निर्माण के लिए मूर्तिकारों की तीन टीमें गठित की गई हैं जो कि यहां दस मई को पहुंचेगी।
कालका से आई शिला
कालका से भी एक शिला आई है। इसके लिए मां काली की उपासना की गई, जिसके उपरांत शिला का विधिवत पूजन किया गया। कार्यक्रम में महंत कमला देवी गिरी (साधू धुणा रामबाग) से मुख्य रूप से उपस्थित हुईं। प्रधान साधु कुमार शर्मा और उपप्रधान नरेश धीमान ने बताया कि करीब आठ किलोग्राम की शिला क्लब के डायरेक्टर एवं शिल्पकार हरिचंद कश्यप की ओर से निर्मित की गई थी। यह अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम मंदिर के लिए भेजी गई है। उन्होंने बताया की मौके पर मौजूद गण्यमान्यों को सिरोपा पहनाकर सम्मानित किया गया तथा कालका से अयोध्या शिला भेजे जाने की मिष्ठान भी वितरण किया गया।