September 28, 2024

एक बयान से कई निशाने साध गए अशोक गहलोत, राजस्थान की राजनीति में मच गई हलचल

0

राजस्थान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन साल पुराना मामला उठाकर एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। गहलोत ने जहां एक तरफ वर्ष 2020 में बगावत करने वाले विधायकों को भाजपा से लिया पैसा लौटाने का सलाह देकर उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया, वहीं इस विवाद में भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे को भी घसीट लिया।

वसुंधरा राजे भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने की कवायद में जुटी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई मौकों पर खुद को राजनीति का जादूगर कह चुके हैं। ऐसे में गहलोत ने तीन साल पुराने इस विवाद का जिक्र कर एक साथ कई लोगों पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री ने यह आरोप लगाकर सचिन पायलट के हमलों की धार कमजोर हो सकती है।

उन्होंने बगावत करने वाले विधायकों से पैसा लौटाने की अपील कर पायलट को कठघरे में खड़ा कर दिया है। जिस वसुंधरा के खिलाफ पायलट जांच की मांग कर रहे थे, उन्हें गहलोत ने अपनी सरकार का संकटमोचक बताकर अपनी रणनीति भी साफ कर दी है।

वसुंधरा राजे और सचिन पायलट दोनों पूर्वी राजस्थान से आते हैं। अशोक गहलोत ने रविवार को यह बयान भी धौलपुर में दिया था। पूर्वी राजस्थान में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर और दौसा आते हैं। इन जिलों में विधानसभा की 39 सीट हैं। वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 25, बसपा ने पांच और चार सीट निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती थी। पायलट टोंक से विधायक हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने भाजपा से पैसे लेकर आरोप लगाकर साफ कर दिया है कि कौन ज्यादा वफादार है।

मुख्यमंत्री ने क्या कहा था

धौलपुर में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को रविवार को कहा था कि तीन साल पहले कांग्रेस विधायकों को जो पैसे बांटे गए थे, अब उस पैसे को भाजपा वापस नहीं ले रही है। उन्हें चिंता है कि पैसे क्यों वापस नहीं ले रहे हैं। जबकि वह हर विधायक से कह रहे हैं कि उनका पैसा मत रखो। कुछ खर्च हो गए हैं, तो वह पार्टी से दिलवा देंगे। इसके साथ उन्होंने वसुंधरा राजे और भाजपा के दो अन्य नेताओं को उस समय संकट टालने में मदद का भी श्रेय दिया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *