November 29, 2024

चीन के मना करके बावजूद नहीं माना पाकिस्तान, कर दी बड़ी गलती

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कराची

 गंभीर आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव चरम पर है. मंगलवार को पाकिस्तानी रेंजर्स ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाइकोर्ट के बाहर से ही गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद से ही पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में हिंसा और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं.

इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में इंटरनेट को बंद कर दिया गया है. पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण के मुताबिक, इमरान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब को भी बैन कर दिया गया है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के इस कदम के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और भी बढ़ गई है. दूसरी तरफ, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी चेतावनी दी है कि राजनीतिक अस्थिरता की वजह से अगर पाकिस्तान को आईएमएफ से लोन नहीं मिला तो पाकिस्तान डिफॉल्ट हो जाएगा.

चीन के विदेश मंत्री की चेतावनी को किया अनसुना

पिछले शनिवार को चीन के विदेश मंत्री किन गांग पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित पाकिस्तान-चीन विदेश मंत्रियों की चौथी रणनीतिक वार्ता में शामिल हुए थे. यहां उन्होंने पाकिस्तान में जारी राजनीतिक अस्थिरता पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि पाकिस्तान की तरक्की के लिए राजनीतिक स्थिरता बहुत जरूरी है. विदेश मंत्री बनने के बाद किन का यह पहला दौरा था.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के साथ बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में किन ने कहा, "हमें पूरी उम्मीद है कि पाकिस्तान के सभी राजनीतिक दल देश में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखेंगे और घरेलू और बाहरी चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटेंगे ताकि देश की अर्थव्यवस्था पर फोकस किया जा सके."

हालांकि, पाकिस्तान की सरकार ने चीन की सलाह की पूरी तरह उपेक्षा कर दी और चीनी विदेश मंत्री के बयान के दो दिन बाद ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया. इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए. पाकिस्तान के हालात को देखते हुए गृहयुद्ध तक की आशंका जताई जा रही है. जाहिर है कि पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता खत्म नहीं हुई तो चीन का पाकिस्तान में किया निवेश भी खतरे में पड़ सकता है.

पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिरता का हिमायती रहा है चीन

पाकिस्तान में सियासी संकट की शुरुआत से ही चीन राजनीतिक स्थिरता का हिमायती रहा है. चीन कई बार कह चुका है कि पाकिस्तान में स्थिर सरकार का होना बहुत जरूरी है. चीन ने पाकिस्तान को दिए कर्ज की मोहलत बढ़ाते वक्त भी देश में राजनीतिक स्थिरता लाने के लिए कहा था.

पाकिस्तान सरकार के पूर्व सलाहकार और नीति विशेषज्ञ मुशर्रफ जैदी का कहना है कि चीन ने पाकिस्तान के कर्ज को बड़े पैमाने पर माफ करने के बजाय रोलओवर करने का फैसला किया. चीन इस कदम से पाकिस्तान को संदेश देना चाहता था कि हम आपकी मदद करेंगे लेकिन आप देश में जारी सियासी उथलपुथल से बेहतर ढंग से निपटें. उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि हम आपको पूरी तरह से फेल नहीं होने देंगे. लेकिन हम आपके कुप्रबंधन और कुशासन का समर्थन भी नहीं करेंगे.

मूडीज ने भी चेताया, डिफॉल्ट हो सकता है पाकिस्तान

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी चेतावनी देते हुए कहा है कि देश में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से अगर पाकिस्तान को आईएमएफ से लोन नहीं मिला तो पाकिस्तान डिफॉल्ट हो जाएगा. समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग में छपी एक रिपोर्टे के मुताबिक, रेटिंग एजेंसी मूडीज के एक अधिकारी ने कहा है कि जून 2023 तक पाकिस्तान को 3.7 बिलियन डॉलर कर्ज चुकाना होगा. लेकिन पाकिस्तान बिना आईएमएफ की मदद के शायद ही कर्ज का भुगतान कर पाएगा. कर्ज ना चुका पाने की स्थिति में पाकिस्तान डिफॉल्ट हो सकता है.

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