आईपीओ लाएगी जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर, 2,800 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना
नई दिल्ली,
जेएसडब्ल्यू समूह की कंपनी जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिये बाजार नियामक सेबी के पास विवरण पुस्तिका जमा की है। कंपनी की आईपीओ के जरिये 2,800 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना है।
सूत्रों के अनुसार, ‘‘जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर ने आईपीओ के जरिये 2,800 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिये विवरण पुस्तिका जमा की है। जेएसडब्ल्यू के बंदरगाह कारोबार से जुड़ी कंपनी ने आईपीओ के लिये सेबी के पास नौ मई, 2023 को विवरण पुस्तिका जमा की।’’
इस बारे में संपर्क किये जाने पर जेएसडब्ल्यू के प्रवक्ता ने कुछ भी टिप्पणी करने से मना कर दिया।
कंपनी आईपीओ के जरिये जुटायी गयी राशि का उपयोग कर्ज को कम करने तथा क्षमता विस्तार की परियोजनाओं में करेगी।
जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर, जेएसडब्ल्यू समूह की तीसरी कंपनी है जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगी। समूह की अन्य सूचीबद्ध कंपनियां जेएसडब्ल्यू एनर्जी और जेएसडब्ल्यू स्टील हैं।
एनसीएलटी ने दिवाला कार्यवाही शुरू करने को लेकर गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार की
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बुधवार को ऋण शोधन कार्यवाही शुरू करने को लेकर स्वेच्छा से दायर गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार कर ली।
इसके साथ ही अध्यक्ष न्यायमूर्ति रामलिंग सुधाकर तथा एल एन गुप्ता की पीठ ने कर्ज में फंसी कंपनी को चलाने के लिये अभिलाष लाल को अंतरिम पेशेवर नियुक्त किया।
पीठ ने कंपनी को किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से संरक्षण भी दिया और ऋण शोधन कार्यवाही के दौरान उसे चलाने के लिये निलंबित निदेशक मंडल से समाधान पेशेवर की मदद करने को कहा।
इसके अलावा, एनसीएलटी ने कंपनी को परिचालन में बनाये रखने और वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करने के साथ किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने को कहा है।
न्यायाधिकरण ने वाडिया समूह की एयरलाइन कंपनी तथा विमान पट्टे पर देने वाली इकाइयों की दलीलों को सुनने के बाद चार मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों ने याचिका का विरोध करते हुए अंतरिम सरंक्षण देने का आग्रह किया था।
गो फर्स्ट ने 17 साल से अधिक समय पहले उड़ान भरना शुरू किया था। एयरलाइन ने वित्तीय संकट के बीच तीन मई से उड़ानों का परिचालन रोक दिया। प्रैट एंड व्हिटनी से इंजन आपूर्ति नहीं होने के कारण कंपनी के बेड़े में शामिल आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पा रहे थे।
एयरलाइन पर कुल देनदारी 11,463 करोड़ रुपये है। उसने स्वैच्छिक रूप से दिवाला कार्यवाही के लिये आवेदन दिया। साथ ही वित्तीय बाध्यताओं पर अंतरिम रोक का आग्रह किया। गो फर्स्ट पहले ही 15 मई तक टिकट की बिक्री निलंबित कर चुकी है।