November 29, 2024

अरब क्षेत्र में सैन्य मौजूदगी बढ़ाएगा अमेरिका

0

वाशिंगटन
अमेरिकी सेना अरब क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाएगी। अरब क्षेत्र की समुद्री सीमा में ईरान द्वारा कई व्यापारिक जहाजों का उत्पीड़न किये जाने का मामला सामने आने के बाद अमेरिका ने यह फैसला किया है।

पिछले दो वर्ष में खाड़ी से गुजरने वाले 15 अंतरराष्ट्रीय जहाजों का उत्पीड़न हुआ या फिर उन पर हमला किया गया। इन स्थितियों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया गया है। आरोप है कि बीते महीने ईरान की नौसेना ने पनामा के एक व्यापारिक जहाज को जब्त कर लिया था, जिसे लेकर काफी तनाव बढ़ गया था। उससे पहले भी ईरान ने मार्शल आइलैंड के एक तेल के टैंकर को जब्त कर लिया था।

इस पर अमेरिका ने सख्त रुख अख्तियार किया गया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि रक्षा विभाग खाड़ी में अपनी रक्षात्मक क्षमता को मजबूत करने की योजना बना रहा है। इसके लिए क्षेत्रीय ताकतों के साथ मिलकर सहयोग और समन्वय बढ़ाया जाएगा। अब अमेरिका ने बहरीन स्थित अमेरिकी नौसेना की पांचवीं फ्लीट के माध्यम से पेट्रोलिंग बढ़ाने का फैसला लिया है। अमेरिका की पांचवीं फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने अपने बयान में कहा कि ईरान गैरजिम्मेदार तरीके से व्यापारिक जहाजों का उत्पीड़न और उन्हें जब्त कर रहा है और इसे रोका जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय सीमा में नेवीगेशन और जहाजों की आवाजाही किसी भी दबाव से मुक्त होनी चाहिए।

बलूचिस्तान बना सुरक्षा बलों के लिए चुनौती

इस्लामाबाद
पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सशस्त्र बलों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से एक चुनौती बना हुआ है। वहां सुरक्षा बलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। सशस्त्र बल आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए इंटेलिजेंस बेस्ड ऑपरेशन (आईबीओ) पर जोर दे रहे हैं।

बलूचिस्तान, बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे आतंकवादी संगठनों का केंद्र रहा है, जिसकी प्रांत के उत्तरी क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति है।

ग्वादर बंदरगाह और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) मार्ग के कारण भी बलूचिस्तान आकर्षण का केंद्र है, जिसकी सुरक्षा पाकिस्तानी सेना द्वारा सुनिश्चित की जाती है। सीपीईसी रूट और ग्वादर पोर्ट पहले भी आतंकी हमलों का निशाना रहे हैं, जिसमें कई विदेशी नागरिकों की जान भी गई है।

बलूचिस्तान की संवेदनशील स्थिति भी स्थापित की जा सकती है। क्योंकि यह अफगानिस्तान से चमन और नए खुले स्पिन बोल्डक-चमन के माध्यम से दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए जुड़ा हुआ है। हालांकि, झरझरा सीमा सीमांकन में बदमाशों और आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही और सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी की कई घटनाएं देखी गई हैं।

जहां एक ओर अफगानिस्तान के साथ खतरनाक सीमा रेखा बड़ी चुनौती पेश करती है, वहीं पाक-ईरान सीमा पर भी पूर्व में सीमा पार से गोलीबारी की घटनाएं होती रही हैं।

पाकिस्तान-ईरान सीमा सैकड़ों-हजारों शिया तीर्थयात्रियों के आवागमन का एक मार्ग भी है, जो हर साल ईरान जाते हैं।

बलूचिस्तान निस्संदेह पाकिस्तान का सबसे उपेक्षित प्रांत है, क्योंकि बुनियादी सुविधाओं, पानी और आश्रय की कमी अभी भी यहां के स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

हाल ही में आई बाढ़ ने पाकिस्तान को प्रभावित किया और देश के कम से कम 2/3 हिस्से को नुकसान पहुंचाया। बलूचिस्तान सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ था।

विशेषज्ञों का कहना है कि बलूचिस्तान, पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। अफगानिस्तान और ईरान के साथ झरझरा इलाका पाकिस्तान सरकार और उसके सुरक्षा बलों के लिए इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति सुनिश्चित करने को और भी चुनौतीपूर्ण बना देता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *