तुर्की में कौन बनेगा राष्ट्रपति, राष्ट्रपति अर्दोआन की पार्टी का खराब प्रदर्शन, खुद भी पिछड़े
तुर्की
तुर्की का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, पहले राउंड के चुनाव में इसका फैसला नहीं हो पाया और उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन करने के बाद भी राष्ट्रपति अर्दोआन, 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल करने से थोड़ा पीछे रह गये। तुर्की में रविवार को वोट डाले गये थे और देर रात तक वोटों की गिनती चलती रही। हालांकि, पिछले दो दशकों से शासन करने वाले अर्दोआन लगातार अपने विरोधी उम्मीदवार कमाल कलचदारलू पर बढ़त बनाए हुए भी थे, लेकिन आखिरी घंटों में वो पीछे चले गये और उनका वोट प्रतिशत 50 से कम हो गया।
आखिरी चुनावी जानकारी जारी होने तक ना तो राष्ट्रपति अर्दोआन और ना ही विपक्षी उम्मीदवार कमाल कलचदारलू ही जादुई 50 प्रतिशत से ज्यादा का वोट हासिल कर पाए, लिहाजा अब 28 मई को फिर से चुनाव होंगे, जिसमें पता चलेगा, कि आखिर तुर्की का नया राष्ट्रपति कौन बनता है। तुर्की के इलेक्शन को समझिए करीब साढ़े 8 करोड़ की आबादी वाले देश में रविवार को हुए मतदान में ये तय होना थआ, कि इस नाटो देश का नेतृत्व कौन करता।
इसके साथ ही, चुनावी रिजल्ट के स्पष्ट आंकड़ों से साफ हो जाता, कि क्या तुर्की ज्यादा धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक रास्ते पर लौटता है, या फिर यह देश भी इस्लामिक देश बनने के राह पर कदम बढ़ा देता है। हालांकि, राष्ट्रपति अर्दोआन का वोट शेयर 50 प्रतिशत से थोड़ा ही नीचे रहा, फिर भी इस चुनावी नतीजों ने साबित कर दिया है, कि तुर्की की राजनीति में मजहबीकरण होने के बाद भी समाज ने अभी तक पूरी तरह से अर्दोआन की मजहब की चाशनी में डूबी राजनीति को पूरी तरह से तैयार नहीं किया है और तुर्की, अभी भी लोकतांत्रिक रास्ते पर लौट सकता है।
तुर्की में राष्ट्रपति अर्दोआन इस्लामिक राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं, जबकि मुख्य विपक्षी उम्मीदवार कमाल कलचदारलू एक लोकतांत्रिक और गैर-मजहबी व्यवस्था के वादों के साथ चुनाव लड़ रहे थे। कमाल कलचदारलू ने दावा किया है, कि वो 28 मई को होने वाले रनऑफ में जीतेंगे। उन्होंने अपने समर्थकों से धैर्य बनाए रखने और रनऑफ के लिए तैयारी करने का आग्रह किया है। जबकि, राष्ट्रपति अर्दोआन की पार्टी ने चुनाव परिणाम की गिनती और रिपोर्टिंग में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है।