September 30, 2024

जलसंसाधन विभाग की 235 करोड़ की वसूली अटकी, रिकवरी में छूटा पसीना

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भोपाल

 जलसंसाधन विभाग के प्रदेशभर के कार्यालयों को बकाया राजस्व वसूली में खासी मशक्कत करनी  पड़ रही है। इस साल विभाग को किसानों, उद्योगों सहित विभिन्न विभागों से 716 करोड़ 54 लाख रुपए की वसूली करना था लेकिन इसमें से 234 करोड़ 92 लाख रुपए की वसूली नहीं हो पाई है। जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता मदन सिंह डाबर ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी कछारों के मुख्य अभियंताओं को वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए है।

 सभी कछारों में मुख्य अभियंताओं को  राजस्व वसूली के लिए सालाना लक्ष्य दिए गए है लेकिन देखने में यह आया है कि अधिकारी वसूली में रुचि नहीं ले रहे है। इसके चलते कम वसूली हो रही है। चंबल बेतवा कछार भोपाल के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 226 करोड़ 16 लाख रुपए का वसूली लक्ष्य दिया गया था। इसमें से अभी तक कुल 203 करोड़ 27 लाख रुपए की वसूली हो पाई है। गंगा कछार  एवं बाणसागर परियोजना रीवा को 265 करोड़ 3 लाख रुपए की वसूली करने का लक्ष्य दिया गया था। इसमें से केवल 192 करोड़ 6 लाख रुपए की वसूली हो पाई है।

यमुना कछार ग्वालियर को  33 करोड़ 51 लाख रुपए की वसूली करना था और केवल 3 करोड़ 47 लाख रुपए की वसूली हीं  हो पाई है।नर्मदा ताप्ती कछार इंदौर को 18 करोड़ 81 लाख रुपए का वसूली लक्ष्य दिया गया था। इसमें से केवल 6 करोड़ 67 लाख रुपए की वसूली हो पाई है। जलसंसाधन विभाग उज्जैन  को 19 करोड़ 45 लाख रुपए की वसूली करना था लेकिन केवल 9 करोड़ 6 लाख रुपए की ही वसूली हो पाई है। जलसंसाधन विभाग नर्मदापुरम को 41 करोड़ 75 लाख रुपए की वसूली करना था लेकिन केवल 22 करोड़ 54 लाख रुपए की ही वसूली हो पाई है। राजघाट नहर सिंध परियोजना दतिया को 29 करोड़ 50 लाख रुपए की वसूली करना था लेकिन इसमें से 4 करोड़ 23 लाख रुपए की ही वसूली हो पाई है। बैनगंगा कछार सिवनी में 45 करोड़ 55 लाख रुपए के लक्ष्य के विरुद्ध 27 करोड़ 42 लाख रुपए की ही वसूली हो पाई है।

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