हीट स्ट्रोक के चलते गोरखपुर में आपदा प्रबंधन की बड़ी पहल, चौराहों पर दोपहर में 3 घंटे जलेगी पीली बत्ती
गोरखपुर
हीट स्ट्रोक से आम शहरियों को बचाने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक बड़ी पहल की है। इस काम में जिम्मेदार विभागों से मदद मांगी गई है। प्राधिकरण ने यातायात पुलिस से गुजारिश की है कि दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक शहर के प्रमुख चौराहों पर यल्लो ब्लिंकर लाइट सिगनल (पीली बत्ती) का प्रयोग किया जाए। ट्रैफिक को मैनुअल मोड पर कर दिया जाए।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण प्रभारी एवं एडीएम वित्त तथा राजस्व राजेश कुमार सिंह ने हीट स्ट्रोक से आम शहरियों को बचाने के लिए यातायात पुलिस, नगर निगम और जीडीए से मदद मांगी है। एडीएम वित्त ने यातायात पुलिस से कहा है कि दोपहर 12 से 3 बजे के बीच प्रमुख ट्रैफिक चौराहों पर यलो ब्लिंकर लाइट सिगनल (पीली बत्ती) का प्रयोग किया जाए। ट्रैफिक को मैनुअल मोड पर करते हुए जिधर अत्यधिक ट्रैफिक लोड है उसे जल्द क्लियर किया जाए।
एडीएम वित्त एवं राजस्व ने कहा है कि ट्रैफिक सिग्नल टाइमिंग जो वर्तमान में 1.30 मिनट से 2.30 मिनट के मध्य है उसकी अवधि कम कर 30 से 40 सेकेंड कर दिया जाए। इतना ही नहीं इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से जन समुदाय को लू के प्रकोप से बचाव के लिए जागरूक किया जाए। कंट्रोल रूम के माध्यम से व्यापारियों और प्रतिष्ठित नागरिकों को चौराहों पर निशुल्क शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
क्या है हीट स्ट्रोक!
हीट स्ट्रोक एक चिकित्सा आपातकालीन स्थिति है जो तब होती है जब ल एबे समय तक उच्च तापमान या गर्म और आर्द्र परिस्थितियों में शारीरिक परिश्रम के कारण शरीर का मुख्य तापमान सामान्य स्तर (आमतौर पर 104 डिग्री फारेनहाईट या 40 ° C से ऊपर) से ऊपर बढ़ जाता है।
जीडीए दे यह ध्यान
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह ने कहा कि जीडीए से कहा है कि एम्स और हवाई अड्डा के बीच नंदानगर रेलवे अंडरपास में दीवार की पेंटिंग कराई जा रही है। इसके कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस काम को सुबह और रात में कराया जाए तो लोगों को राहत मिलेगी।