November 12, 2024

MP में भाजपा ने दिए संकेत- सिंधिया कैंप को भी सेट करने की कोशिश, शिवराज के लिए टल गया संकट

0

नई दिल्ली

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी भाजपा को केंद्रीय नेतृत्व ने भले ही भावी बड़े बदलाव न करने के संकेत दे दिए हों, लेकिन राज्य में पार्टी के सामने वरिष्ठ नेताओं को साधने और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करने का बड़ा काम है। पार्टी के कई बड़े नेता मुखर हैं और पांच प्रभारियों का मुद्दा भी संगठन में खासी चर्चा में हैं। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल में वरिष्ठ नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक भी की है।

मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव प्रक्रिया नवंबर में शुरू हो जाएगी। ऐसे में कामकाज के अब केवल पांच माह ही बचे हैं। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी राज्य को संकेत दिए है कि अब कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन सभी को साथ लेकर पूरी ताकत से चुनावी तैयारी में जुटना होगा। सूत्रों के अनुसार इसके बाद ही पार्टी की एक अनौपचारिक बड़े नेताओं की बैठक भी हुई, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल व राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल थे।

हालांकि, इसके पहले पार्टी के एक वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा संगठन की हालत को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके थे। उन्होंने राज्य में पांच प्रभारियों को लेकर जो टिप्पणी की वह पूरे संगठन में चर्चा की मुद्दा भी रही। परोक्ष रूप से उनका इशारा संगठन प्रभारी मुरलीधर राव, सह प्रभारी पंकजा मुंडे व रमाशंकर कठेरिया, क्षेत्रीय प्रभारी अजय जामवाल को लेकर था। इसके अलावा, बिना नाम लिए संगठन के संयुक्त सचिव शिवप्रकाश पर भी सवाल खड़े किए गए थे। भाजपा को सत्ता विरोधी माहौल से साथ संगठन के असंतोष से भी जूझना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। बाद में कांग्रेस में हुए विभाजन से भाजपा को सत्ता में आने का मौका मिल गया था। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस से आए इस खेमे को लेकर भी भाजपा का एक वर्ग नाराज है। पार्टी सिंधिया कैंप को भी उचित सम्मान देने की कवायद कर रही है। इसके लिए बीच का रास्ता निकाला जाएगा। इसके अलावा, वरिष्ठ नेताओं को लंबे समय तक प्रदेश के मामलों में नजरंदाज किए जाने को लेकर भी दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि, अब पुराने नेताओं को साधने की कोशिश की जा रही है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed