September 25, 2024

नसीर साहब ने कहा था मुस्लिम सुरक्षित नहीं, मैं कहूंगा हिंदू 100cr होने पर भी सुरक्षित नहीं – मुकेश खन्ना

0

मुंबई

अपने डायलॉग्स को लेकर पब्लिक के निशाने पर आई फिल्म आदिपुरुष पर अभिनय की दुनिया से जुड़े लोग भी खूब गुस्सा निकाल रहे हैं. रामानंद सागर की रामायण के शीर्ष किरदार इसे लेकर अपनी आपत्तियां सार्वजनिक कर चुके हैं. वहीं महाभारत में भीष्म के रूप में घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाले मुकेश खन्ना भी आदिपुरुष के मेकर्स से खासे नाराज हैं. उनका गुस्सा फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर पर भी है और उन फिल्मकारों पर भी जो उनके मुताबिक हिंदू धर्म को बदनाम करने के लिए फिल्म बनाते हैं.

रामायण को कॉमेडी बनाकर रख दिया
मुकेश खन्ना कहते हैं कि मैंने फिल्म नहीं देखी है और मुझे इसकी जरूरत महसूस भी नहीं हुई. कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जो इतनी फैल जाती है कि उसको देखना या न देखना एक बराबर है. मैं ऐसी घटिया फिल्म देखना नहीं चाहूंगा. जिसके बारे में कहा जा रहा है कि कॉमेडी अच्छी बनी है. मतलब रामायण को कॉमेडी बनाकर कौन प्रेजेंट कर सकता है.

सेंसर बोर्ड इतना लापरवाह कैसे हो सकता है
कभी शक्तिमान के रोल में बच्चों की पहली पसंद बने मुकेश कहते हैं कि पूरी तरह लापरवाही राइटर्स की है. मैं उससे भी ज्यादा जिम्मेदार सेंसर बोर्ड को मानता हूं. सेंसर बोर्ड कैसे इस तरह के डायलॉग्स को पास कर सकता है. जहां रामायण का मजाक बनाया गया है. यहां केवल गलतियां डायलॉग्स में ही नहीं हैं, बल्कि कई फैक्ट्स भी तो गलत हैं. आप यहां हिरण्यकश्यप के वरदान को दिखा रहे हैं कि रावण को मिला है. जबकि ये कहते हैं कि हमने बहुत रिसर्च किया है. मजाक बना दिया है. सेंसर बोर्ड के ऊपर प्रश्नचिन्ह उठ गया है. आप पीके, काली मां के सिगरेट वाले पोस्टर, लक्ष्मी मां के साथ बॉम जैसे शब्द का इस्तेमाल जैसी चीजों को पास कराए जा रहे हैं. पता करें कि आखिर उनकी मंशा क्या है.

अब हिंदू जाग गया है
मुकेश का गुस्सा सिर्फ आदिपुरुष को लेकर नहीं है. वो कहते हैं कि नसीरुद्दीन शाह ने एक कमेंट पास किया था कि मुस्लिम सुरक्षित नहीं हैं. मैं तो कहना चाहूंगा कि हिंदू यहां सौ करोड़ की आबादी में होने के बाद भी सुरक्षित नहीं हैं. सुरक्षा के लिए भी हिंदुओं के बीच एकता की आवश्यकता है. यहां दर्जी को काट दिया जाता है, हनुमान के मंदिर में पत्थरबाजी कर रहे हैं और पुलिस बचाने को नहीं आ रही है. यही सबके गुस्से का नतीजा है. यहां लोगों ने कमर्शल डिसीजन लिया है कि वो हिंदू धर्म का मजाक बनाएंगे, जिससे लोग बवाल मचाएंगे और चुप हो जाएंगे. जिससे हमारा करोड़ों का बिजनेस चल पड़ेगा. यह तो कई फिल्मों से चलता आ रहा है. अब दर्शक ये बात समझ गए हैं.

मनोज कौन होते हैं रामायण का अपना वर्जन लिखने वाले
मुकेश खन्ना ने कहा कि ये मुंतशिर के सिर पर ओले पड़े हैं. वो होते कौन हैं रामायण जैसी कहानी का अपना वर्जन लेकर आने वाले? किसने ये हक दिया है? ये तो बच्चों को ये सिखाना चाहते हैं कि भूल जाओ अपने मां बाप द्वारा बताई गई कहानियों को, मैं जो दिखा रहा हूं वो ही सही है.

बॉडी दिखाने से राम नहीं बन जाएंगे
मुकेश कहते हैं कि 150 करोड़ के आर्टिस्ट प्रभास को आपने इसलिए लिया ताकि वो ज्यादा से ज्यादा फाइनैंसियल फायदा दे पाए. अब बताएं, उन्होंने कितना न्याय किया इस किरदार से, कई जगह तो यीशू लग रहे थे. सिर्फ बॉडी दिखाने से कोई राम नहीं बन जाता है, बल्कि राम के आचरण को अपने जीवन में उतारना पड़ता है. ये सब चीजें केवल पैसे से नहीं तोली जाती हैं. केवल चोटी रख लेने से अक्षय कुमार पृथ्वीराज चौहान तो नहीं बन सकता है न. बात यही है कि आप अपने काम के प्रति कितने ईमानदार हैं.

नितेश तिवारी को सलाह, ये न करे चूक
मुकेश खन्ना आने वाली फिल्मों में राम के रोल को लेकर कहते हैं कि मैं नहीं जानता कि रणबीर कपूर कैसा करेंगे लेकिन अगर उनका चयन कमर्शल नजरिये से हुआ होगा, तो गलत है. वहीं हमारे वक्त में हमें अपने किरदार के प्रति खुद को झौंक देना पड़ता था. मैं सात इंच का मुकुट लगाए, धोती पहने सेट पर घूमता था. अपने किरदार की इज्जत करता था. जिसका परिणाम यही है कि किरदार अमर हो गया. अरुण गोविल, दीपिका आज इसलिए भी रिस्पेक्ट भरी नजरों से देखे जाते हैं क्योंकि अपने किरदार के प्रति उनका सम्मान कभी कम नहीं हुआ था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *