पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव ओपिनियन पोल सर्वे रिजल्ट, ममता बनर्जी की TMC को झटका!
कोलकाता
पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव की वोटिंग होगी। पंचायत चुनाव से पहले बंगाल में हिंसा जारी है। टीएमसी और बीजेपी के बीच वाकयुद्ध चल रहा है। पंचायत चुनाव में दो पार्टियों, बीजेपी और टीएमसी के बीच मुकाबला माना जा रहा है। इस बार बंगाल पंचायत चुनाव का मुद्दा गर्म है क्योंकि हिंसा में तमाम लोग घायल हुए हैं, कई की मौत हो चुकी है। मामले में हाई कोर्ट ने बंगाल निर्वाचन आयुक्त को खूब खरीखोटी सुनाई थी। पंचायत चुनाव केंद्रीय सुरक्षाबलों की निगरानी में कराया जा रहा है। इधर पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में ओपिनियन पोल आए हैं। सी वोटर सर्वे की मानें तो बंगाल में टीएमसी को नुकसान होता नजर आ रहा है।
पंचायत चुनावों में समग्र वर्चस्व बनाए रखने के बावजूद, ग्रामीण नागरिक निकाय चुनावों के लिए एबीपी-सीवोटर ओपिनियन पोल ने राज्य के सत्तारूढ़ दल के लिए असुविधा के कुछ प्रमुख कारकों का संकेत दिया है। पार्टी को 2024 की लोकसभा चुनाव में भी झटका लग सकता है।
49 प्रतिशत जिला परिषदों के कामकाज से नाखुश
पश्चिम बंगाल में 49 प्रतिशत से ज्यादा उत्तरदाताओं ने दावा किया है कि वे त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली के उच्चतम स्तर, जिला परिषदों के कामकाज से नाखुश हैं। लोगों का कहना है कि वह पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में सत्ता बदलाव चाहते हैं। वहीं 28 प्रतिशत ने कहा कि कामकाज से नाखुश होने के बावजूद वे अभी बदलाव नहीं चाहते।
टीएमसी के मु्स्लिम वोटों में गिरावट!
एबीपी सी वोटर ओपिनियन पोल में 16 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे जिला परिषदों के कामकाज से खुश हैं, केवल 7 प्रतिशत ने इस मामले में अज्ञानता का दावा किया। ओपिनियन पोल में तृणमूल कांग्रेस के समर्पित अल्पसंख्यक वोट बैंक में संभावित गिरावट का भी संकेत दिया गया है।
बंगाल में 59 प्रतिशत लोगों ने जवाब दिया है कि सत्तारूढ़ दल के अल्पसंख्यक वोटों में गिरावट की संभावना अधिक है। 28 प्रतिशत ने उस संभावना से इनकार किया है। 13 प्रतिशत ने कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं जानते हैं।
40 पर्सेंट ने कहा, कानून-व्यवस्था मुद्दा
सर्वेक्षण के अनुसार, 25 प्रतिशत उत्तरदाताओं को लगता है कि भ्रष्टाचार का मुद्दा ग्रामीण निकाय चुनावों में कारक होगा, जबकि 21 प्रतिशत को लगता है कि बढ़ती बेरोजगारी सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा होगी। जबकि 40 प्रतिशत को लगता है कि कानून और व्यवस्था और नागरिक मुद्दों जैसे अन्य कारक प्रमुख कारक होंगे। 13 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह कुछ नहीं कह सकते हैं।
40 पर्सेंट टीएमसी सरकार से नाराज?
तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के समग्र प्रदर्शन पर, 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसे खराब बताया है। 35 प्रतिशत ने इसे अच्छा बताया है, जबकि 16 प्रतिशत ने इसे औसत बताया है। केवल 9 प्रतिशत ने कहा कि वह इस मामले में अनभिज्ञ हैं।
59 प्रतिशत उत्तरदाताओं को लगता है कि नामांकन चरण के दौरान चुनाव पूर्व हिंसा ने तृणमूल कांग्रेस की छवि खराब कर दी है, जबकि 28 प्रतिशत को ऐसा नहीं लगता।