बसपा सांसद के खिलाफ टिप्पणी विवाद: अखिलेश यादव ने दानिश अली को अपशब्द कहने पर BJP को घेरा
लखनऊ
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा में भाजपा सदस्य द्वारा बसपा सदस्य के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सत्तारूढ़ पार्टी की नकारात्मक राजनीति का ‘निकृष्टतम' रूप है। सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर एक पोस्ट में यादव ने कहा कि इंसान की पहचान चेहरा नहीं, ज़ुबान होती है। सत्ता के नशे में बेसुध भाजपा के एक सांसद द्वारा विपक्ष के एक अल्पसंख्यक सांसद को अति अभद्र तरीके से संबोधित करना किसी आपराधिक घटना से कम नहीं है।
ये भाजपा के अधिकांश सदस्यों की निर्लज्जता का बेशर्म प्रदर्शन: अखिलेश
उन्होंने कहा कि ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का निकृष्टतम रूप है जिसमें अन्य भाजपाई सांसदों का हंसते हुए सम्मिलित होना दिखाता है कि ये किसी एक भाजपाई की गलती नहीं है बल्कि ये भाजपा के अधिकांश सदस्यों की निर्लज्जता का बेशर्म प्रदर्शन है। यादव ने कहा कि ऐसे सांसदों पर, किसी भी प्रकार की संसदीय विशेषाधिकारों की छूट से परे, किसी एक सांसद नहीं बल्कि पूरे संसद और संविधान की मानहानि करने का मुकदमा होना चाहिए और ताउम्र की पाबंदी भी। हालांकि 'एक्स' पर उन्होंने भाजपा और बसपा के सांसदों के नाम नहीं लिखे।
आपको बता दें कि बाद में एक फोटो प्रदर्शनी में शामिल होने गए सपा प्रमुख यादव ने पत्रकारों से कहा कि दानिश अली केवल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद नही हैं, सपा-बसपा का जब गठबंधन था,उस समय वह सांसद चुने गए हैं। भाजपा सांसद बिधूड़ी ने गुरुवार को लोकसभा में बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था जिसे लेकर सदन के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खेद जताया था। बिधूड़ी ने ‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों के विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए अली के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की थीं।
भाजपा सदस्य को अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए: दानिश अली
आपको बता दें कि दानिश अली ने गुरुवार को कहा था कि भाजपा सदस्य को अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए। पीठासीन सभापति कोडिकुनिल सुरेश ने इस पर बिधूड़ी के आपत्तिजनक शब्दों को रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया था। दानिश अली ने आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर बिधूड़ी के खिलाफ शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा और मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का आग्रह किया।