देर रात प्रसूता को लेकर दलदल में फंसी एंबुलेंस, थार से टो जग्गी लोहनी ने निकाला बाहर
हल्द्वानी
उत्तराखंड के दुर्गम इलाकों में रोड न होने के कारण एंबुलेंस सुविधा नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में दुर्गम स्थानों से लोग मरीजों को डोली और चारपाई के सहारे अस्पताल लाते हैं। जिनकी फोटो और खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं। लेकिन इस बार हटकर एक वीडियो सामने आया है।
थार से दलदल में फंसी एंबुलेंस किया टाे
वीडियो नैनीताल जिले के रामनगर का है। सोमवार की रात से वायरल हो रहे वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक महिन्द्रा थार बीच सड़क में फंसी एंबुलेंस 108 को टो कर निकाल रही है। एंबुलेंस को निकालने में थार चालक को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। क्योंकि दूसरी तरफ खाई थी।
प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी महिला
दुर्लभ वीडियो रामनगर के अमगढ़ी का है। दरअसल एंबुलेंस 108 भूस्खलन के बाद सड़क पर आए मलबे में फंस गई थी। इसके बाद वहां से गुजर रहे थार चालक ने 108 से लगी सीट बेल्ट को खोलकर अपने वाहन में टो किया अौर मलबे से बाहर निकाला। 108 में गर्भवती प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी।
रात साढ़े आठ बजे दलदल में फंसी थी एंबुलेंस
रामनगर निवासी जग्गी लाेहनी ने बताया कि सोमवार की रात साढ़े आठ बजे के करीब वह अपने दोस्त ओखलडूंगा निवासी नंदन बिष्ट के घर से वापस लौट रहे थे। अमगढ़ी-बेतालघाट रोड पर एक एंबुलेंस करीब आधे घंटे से फंसी हुई थी। एंबुलेस में एक प्रसूता दर्द से कराह रही थी।
एंबुलेंस की सीट बेल्ट से किया टो
जग्गी ने बताया कि महिला का दर्द उनसे देखा नहीं गया। जिसके बाद उन्होंने से एंबुलेंस टो करने की सोची। फिर एंबुलेंस से की सीट बेल्ट निकाल कर उसे अपनी गाड़ी से अटैच किया। एंबुलेंस दलदल से निकालने के लिए पहले बैक किया। उसके बाद फिर आगे की तरफ खींचा। करीब 60 से 70 मीटर खींचने के बाद एंबुलेंस आगे निकली।
रिस्क लेकर टो किया एंबुलेंस
जग्गी ने बताया कि भूस्खनल के बाद अमगड़ी में रास्ता काफी खराब हो चुका है। प्रसूता को तड़पता देखकर उनसे रहा नहीं गया और रिस्क लेकर एंबुलेंस को टो कर लिया। थोड़ा सा भी गड़ी स्लिप होती तो एंबुलेंस के साथ मेरी गाड़ी भी खाई में जा सकती थी।
नहीं मिला जेसीब का ड्राइवर
भूस्खलन का मलबा हटाने के लिए वहां पास में ही एक जेसीबी खड़ी थी। जिसके बारे में जानकारी करने पर पता चला कि ड्राइवर घर जा चुका है। जग्गी ने बताया कि इस रास्ते पर अक्सर गाड़ियां फंस जा रही हैं। यहां पर जब तक स्थितियां सामान्य नहीं हो जाती हैं तब तक जेसीबी और ड्राइवर स्थाई तौर पर होने चाहिए।