कलेक्टर एवं एसपी ने चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर के दृष्टिगत अटेर क्षेत्र का किया निरीक्षण
भिंड
जिला प्रशासन ने बाढ़ आदि स्थिति निर्मित होने पर उससे निपटने सभी तैयारियाँ पूर्ण रखी हैं एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ के दलों को मय बोट विभिन्न स्थानों पर तैयार रखा गया है। चंबल का जल स्तर बढ़ने से अटेर के देवालय, नावली वृन्दावन, मुकटपुरा, खेराहट ग्रामों का मार्ग से सम्पर्क कटा है, ग्रामों में पानी भरने जैसी स्थिति नहीं बनी है, प्रशासन ग्रामों से एसडीआरएफ बोट के माध्यम से सतत् सम्पर्क में है, साथ ही आवश्यक वस्तु जैसे राशन, पानी, स्वास्थ सुविधा आदि की व्यवस्था तैयार रखी है। इसी के साथ हेलिकॉप्टर के माध्यम से भी राशन आदि सामग्री भेजने की व्यवस्था भी की है।
चंबल नदी एवं जलभराव वाले रास्तों पर आवागमन को रोकने के लिए वैरिगेट्स लगाकर, पुलिस जवान तैनात होकर निगरानी रखे हुए हैं।
प्रदेश में हो रही अति वर्षा के कारण चंबल नदी में छोड़े गए पानी से नदी का जलस्तर बढ़़ गया है। जिसकी वजह से किनारे पर बसे गांव में बाढ़ एवं मुख्य मार्ग से कटाव की स्थिति की संभावना के दृष्टिगत कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस एवं एसपी श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान ने अटेर क्षेत्र में पहुंच चंबल नदी के जलस्तर को देखा साथ ही चंबल के बढ़ रहे जलस्तर एवं बाढ़ की स्थिति की संभावना को देखते हुए उसके नियंत्रण एवं बचाव कार्य की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर रहने और नदी के आसपास ना जाने की समझाइश दी। उन्होंने गर्भवती महिलायें एवं अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की दृष्टि से नज़दीकी स्वास्थ केंद्र पर जाने हेतु अनुरोध भी किया।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जलस्तर की वृद्धि एवं बाढ़ जैसे हालत बनने पर सतत् निगरानी रखने एवं बढ़ते जल स्तर की सूचना से तुरंत अवगत कराने हेतु निर्देश दिए हैं। उन्होंने संभावित बाढ़ से राहत एवं बचाव कार्य हेतु बचाव दल एवं समस्त तैयारियां सहित राशन, पानी एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को पूर्ण रखे जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
चंबल नदी के बढ़ते जल स्तर पर प्रशासनिक अमला निरंतर नजर रखे हुए है। खतरा बढ़ने पर उससे निपटने की सभी तैयारियां पूर्ण कर रखी हैं।इसके साथ ही सुरक्षात्मक रूप में एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ के दलों को मय बोट विभिन्न स्थानों पर तैयार रखा गया है। चंबल नदी एवं जलभराव वाले रास्तों पर आवागमन को रोकने के लिए वैरिगेट्स लगाकर, पुलिस जवान तैनात होकर निगरानी रखे हुए हैं।