September 24, 2024

हेमंत के मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर भी आफत, गढ़वा डीसी से चुनाव आयोग ने मांगी है रिपोर्ट

0

गढ़वा
गढ़वा के विधायक सह झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर की विधानसभा सदस्यता का मामला भी भारत निर्वाचन आयोग के पास पहुंचा हुआ है। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से इस पर नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा है। इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने गढ़वा के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त रमेश घोलप से मिथिलेश कुमार ठाकुर द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए नाम निर्देशन पत्र इनके द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से अपने संंबंध में दी गई जानकारी को राज्य निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

गढ़वा डीसी चुनाव आयोग को भेज चुके रिपोर्ट
गढ़वा उपायुक्त द्वारा चुनाव आयोग को मिथिलेश कुमार ठाकुर के नामांकन के समय दिए गए हलफनामा की जानकारी अप्रैल 2022 के अंतिम सप्ताह में ही भेज दी गई है। जानकारी के अनुसार मंत्री, मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ विधानसभा चुनाव के समय ठेका कंपनी संचालित किए जाने का आरोप है। जिसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा नौ ए का उल्लंघन बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस मामले के शिकायतकर्ता रांची जिले के कतारी बागान, सामलौंग रांची निवासी सुनील महतो हैं। इन्होंने शिकायत में बताया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान मिथिलेश ठाकुर द्वारा भरे गए फार्म- 26 में इसका जिक्र है कि वे चाईबासा के सत्यम बिल्डर्स के पार्टनर हैं। यह कंपनी सरकारी ठेका लेने का काम करती है। विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी राज्य सरकार के साथ की गई कई संविदाएं अस्तित्व में थी।

सुनील महतो ने सदस्यता रद करने की मांग की है
सुनील महतो ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनकी सदस्यता रद करने की मांग निर्वाचन आयोग से की थी। इसके आलोक में चुनाव आयोग द्वारा गढ़वा डीसी से चुनाव के समय मिथिलेश कुमार ठाकुर द्वारा दिए गए हलफनामा से संबंधित रिपोर्ट की मांग की गई थी। इसके आलोक में डीसी द्वारा चुनाव आयोग को रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई थी। डीसी के रिपोर्ट में कुछ अन्य जानकारी को ले चुनाव आयोग द्वारा फिर से रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसे गढ़वा डीसी ने अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में उसे फिर से मांगीं गई सूचनाओं को समेकित करते हुए चुनाव आयोग को रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई। जिस पर चुनाव आयोग द्वारा सुनवाई की जानी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *