42 प्रतिशत मतदाता हुए आधार से लिंक, भोपाल और ग्वालियर फिसड्डी
भोपाल
वोटर आईडी को आधार से लिंक कराने के लिए अब तक प्रदेशभर में 42.42 फीसदी मतदाताओं ने ही अपने आधार कार्ड जमा कराए है। इनमें भी भोपाल , ग्वालियर पूरे प्रदेश में फिसड्डी है। जबकि निवाड़ी, डिंडौरी जैसे छोटे जिलों में बेहतर काम हुआ है और ये जिले इस मामले में पूरे प्रदेश में अव्वल है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मध्यप्रदेश में भी मतदाता सूची, वोटर आईडी को आधार से लिंक करने के लिए स्वैच्छिक रुप से मतदाताओं को अपने आधार कार्ड देने को कहा गया है। इसके लिए बूथ लेवल अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है।
निवाड़ी जिले में कुल 3 लाख 93 हजार 299 मतदाता है। इनमें से 2 लाख 65 हजार 266 मतदाताओं ने आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने के लिए जानकारी फार्म छह बी में उपलब्ध कराई है। यहां के सर्वाधिक 67.45 फीसदी मतदाताओं के आधार कार्ड वोटर आईडी से लिंक करने के लिए प्राप्त हो चुके है।दूसरे स्थान पर डिंडौरी है। यहां के 4 लाख 90 हजार 813 मतदाताओं में से 62.85 फीसदी याने 3 लाख 8 हजार 492 मतदाताओं ने अपने आधार नंबर की जानकारी प्रशासन को दे दी है।
स्वैच्छिक होंने के कारण गति धीमी: चूंकि मतदाता सूची और वोटर आईडी से आधार को लिंक कराने के इस अभियान में मतदाताओं पर कोई अनिवार्यता नही है। यह योजना पूरी तरह से स्वैच्छिक है। इसलिए इस अभियान की गति काफी कम है। एक अगस्त से शुरु हुए इस अभियान में केवल 42 फीसदी मतदाताओं के आधार की जानकारी ही भारत निर्वाचन आयोग के पास आ पाई है। यदि यह अनिवार्य हो जाए तो इसमें गति आ सकती है।
भोपाल-ग्वालियर सबसे पीछे
राजधानी भोपाल के मतदाता वोटर आईडी को आधार से लिंक करवाने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे है। यहां के 19 लाख 67 हजार 394 मतदाताओं में से केवल 3 लाख 95 हजार 413 याने बीस फीसदी मतदाताओं ने ही अपने आधार की जानकारी वोटर आईडी से लिंक करने के लिए उपलब्ध कराई है। ग्वालियर भी इस मामले में पीछे ही है। यहां 15 लाख 56 हजार 151 मतदाता है। इनमें से केवल 4 लाख 23 हजार 37 याने 27 फीसदी मतदाताओं ने ही आधार नंबर की जानकारी वोटर आईडी से जोड़ने के लिए दी है। इस मामले में आधार की जानकारी एकत्रित करने में प्रदेश के जो टॉप टेन पिछड़े जिले है उनमें महानगर इंदौर भी शामिल है। यहां कुल 26 लाख 16 हजार 374 मतदाता है। इनमें से केवल 7 लाख 68 हजार 742 याने 29 फीसदी मतदाताओं ने ही आधार की जानकारी प्रशासन के साथ शेयर की है। सिंगरौली में 36 फीसदी, नरसिंहपुर में 35.96, सीधी में 34.86, शिवपुरी में 32.98, छतरपुर में 32, गुना में 29, पन्ना में 27 फीसदी मतदाताओं ने ही आधार नंबर की जानकारी वोटर आईडी से जोड़ने के लिए स्वैच्छिक रुप से दी है।
एक स्थान पर होगा वोटर का नाम
अभी तक ऐसे कई मामले सामने आते है कि मतदाता का नाम शहर और गांव दो-दो स्थानों पर रहता है। इस अभियान का उद्देश्य ऐसे दोहराव को समाप्त कर मतदाता का नाम पूरे देशभर में किसी एक ही स्थान पर सीमित करना है ताकि मतदाताओं की वास्तविक स्थिति सामने आ सके और दो स्थानों पर मतदान की शिकायतों से बचा जा सके। वहीं दिवंगत, शिफ्टेड मतदाताओं के नाम भी मतदाता सूची से हटाये जा सकेंगे।