नेपाल में आर्थिक अनियमितता के मामले में दो बैंक के सीईओ सहित 10 गिरफ्तार
नेपाल में आर्थिक अनियमितता के मामले में दो बैंक के सीईओ सहित 10 गिरफ्तार
रूसी सेना में शामिल हुए नेपाली नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए कर रहे प्रयासः एनपी साउद
रूसी सेना में शामिल नेपाली नागरिकों के परिवार वाले विदेश मंत्री एनपी साउद से मिले
नेपाल
नेपाल पुलिस की केंद्रीय अनुसंधान ब्यूरो (सीआईबी) ने करोड़ों रुपये की आर्थिक अनियमितता के आरोप में दो बैंकों के सीईओ समेत 10 कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
सहकारी बैंक घोटाले की जांच में जुटी सीआईबी को एक सहकारी कंपनी के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच के दौरान पता चला कि दोनों बैंक ने आय स्रोत और डिपॉजिट से अधिक लोन मुहैया कराया है। उसकी जांच होने पर उसमे बैंक के क्रेडिट विभाग के कर्मचारी, बैंक मैनेजर से लेकर बैंक के सीईओ तक की संलिप्तता पाई गई।
सीआईबी की प्रमुख एवं नेपाल पुलिस की एआईजी किरण बज्राचार्य ने मीडियाकर्मियों को बताया कि प्रभु बैंक के सीईओ मनोज न्यौपाने, सेंचुरी बैंक के सीईओ तुलसीराम गौतम सहित 10 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि देउराली सहकारी घोटाला मामले की जांच के बाद पिछले महीने गिरफ्तार इस बैंक के संचालक रवीन्द्र चौलागाइ के बयान और उनके पास से बरामद दस्तावेजों के आधार पर कर्मचारी और सीईओ को गिरफ्तार किया गया है।
बज्राचार्य के मुताबिक़ नेपाल राष्ट्र बैंक ने लोन देने के लिए जो गाइडलाइन जारी किया है उसके मुताबिक किसी भी व्यक्ति या कंपनी को उसके द्वारा बैंक में रखे गए आय स्रोत और संपत्ति का सिर्फ 40 प्रतिशत ही लोन दिया जा सकता है, लेकिन सेंचुरी बैंक और प्रभु बैंक ने देउराली सहकारी बैंक के संचालक रवीन्द्र चौलागाई को उनके द्वारा बैंक में दिखाए गए 1.14 अरब की संपत्ति के बदले 2.11 अरब रुपये का लोन दिया है। बैंक से लोन लेने के बाद फरार चल रहे चौलागई को सीआईबी ने कड़ी मशक्कत के बाद विदेश से गिरफ्तार किया था और नेपाल नेकर आई थी। सीआईबी प्रमुख का कहना है कि इस तरह के कई अन्य सहकारी घोटाले की जांच चल रही है जिसमे कुछ और बैंकों के अधिकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
रूसी सेना में शामिल हुए नेपाली नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए कर रहे प्रयासः एनपी साउद
नेपाल
अवैध रूप से रूसी सेना में शामिल हुए एक हजार से अधिक नेपाली नागरिकों के परिवार वालों ने अपने लोगों की सुरक्षित वापसी की मांग को लेकर विदेश मंत्री एनपी साउद से मुलाकात की। इस दौरान नेपाल के विदेश मंत्री साउद ने कहा कि नेपाली नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार की तरफ से कूटनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय में हुई इस मुलाकात में इन लोगों ने बताया कि कई ऐसे लोग हैं जो कि एक या दो महीने से अपने घर से कोई संपर्क तक नहीं किया है। ऐसे ही कुछ परिवार वालों ने विदेश मंत्री को यह भी बताया कि उनके रिश्तेदार इस समय यूक्रेनी सेना के कब्जे में हैं या यूक्रेन के किसी जेल में बंद हैं। उन लोगों ने इन सबकी वापसी के लिए सरकार की तरफ से कोई ख़ास प्रयास नहीं किए जाने को लेकर आपत्ति भी जताई है।
विदेश मंत्री साउद ने कहा कि रूस और यूक्रेन स्थित नेपाली दूतावास लगातार वहां की सरकारों और सेना के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई उनकी दिल्ली यात्रा के दौरान यूक्रेन के विदेश मंत्री से मुलाक़ात हुई थी। इस दौरान उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था।
विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल से भारत और ब्रिटेन के अलावा किसी भी अन्य देश की सेना में शामिल होने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। बावजूद इसके हमारे युवा रूसी सेना में शामिल हो गए हैं। उन्होंने इसको गैर कानूनी बताते हुए कहा कि गैर कानूनी होने के बावजूद यह नेपाल सरकार की जिम्मेदारी है कि हमारे नागरिक अगर किसी मुसीबत में हैं तो उनकी सुरक्षित घर वापसी कराई जाए। सरकार विभिन्न माध्यमों से रूस और यूक्रेन पर दबाब बनाकर अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयासरत है।