September 28, 2024

कर्ज भरपाई की मन्नत के लिए भक्‍त ने काट ली जीभ, मंदिर प्रशासन ने ब्‍लेड, छूरी, चाकू पर लगाया प्रतिबंध

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कौशाम्‍बी
 
यूपी के कौशाम्‍बी के मंझनपुरा के पूरबशरीरा निवासी संपत ने कर्ज की भरपाई की मन्नत मांगने के लिए इक्यावनी शक्ति पीठ कड़ा धाम में अपनी जीभ काटकर चढ़ा दी। जिला अस्पताल में पत्रकारों से बातचीत में उसकी पत्नी ने घटना का कारण साफ किया। इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने परिसर में ब्‍लेड, छूरी, चाकू ले जाने पर रोक लगा दी है।

संपत ने जीभ क्यों काटी ? काफी देर तक यह सवाल पहेली बना था। पंडा समाज के लोगों के साथ परिजन और पुलिस-प्रशासन के लोग भी कुछ बता नहीं पा रहे थे। शुरुआती दौर में पत्नी बानमती उर्फ बन्नो देवी काफी ज्यादा परेशान थी। रोने के आगे उसे बाकी कुछ भी सूझ नहीं रहा था। इलाज के बाद पति संपत की हालत में थोड़ा सुधार हुआ तो पत्नी ने बताया कि संपत ने दो बेटियों की शादी करने के दौरान तीन लाख रुपये का कर्ज लिया था। 65 हजार रुपये भरवारी तो 50 हजार राजापुर (चित्रकूट) के कर्ज देने वाले निजी समूह से लिया था। ग्रामीणों से भी उसने कर्ज ले रखा था। कर्ज की भरपाई नहीं कर पाने के कारण इधर बीच तनाव में था। पत्नी ने दावा किया कि कर्ज भरपाई की मन्नत मांगने के लिए ही संपत ने जीभ काटी है। सीएमएस डॉ. दीपक सेठ का कहना है कि संपत की हालत गंभीर है।

 मंदिर में अब ब्लेड, चाकू ले जाना प्रतिबंधित
इक्यावनी शक्ति पीठ कड़ा धाम में शनिवार को एक भक्त ने अपनी जीभ काटकर चढ़ा दी। इस घटना ने व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया। अब मंदिर में ब्लेड, छूरी, चाकू ले जाना प्रतिबंधित कर दिया गया। नवरात्र पर्व से पहले यह नियम लागू होगा। शीतला माता मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात की गई है। इसके अलावा मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य भी सक्रिय रहते हैं। सीसीटीवी कैमरे के जरिए भी मंदिर के कोने-कोने की निगहबानी होती है।

इसके बावजूद शनिवार को पूरबशरीरा के संपत ने मंदिर की सीढ़ी पर अचानक ब्लेड से अपनी जीभ काट दी। खून देख पहले किसी को कुछ समझ में नहीं आया था। पत्नी बन्नो भी घटना से परेशान थी। बाद में लोगों को घटनाक्रम समझ में आया। घटना के बाद मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष आत्मप्रकाश उर्फ टिंकू पंडा ने सदस्यों के साथ बैठक की। अध्यक्ष का कहना है कि मंदिर में बलि पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद यह घटना हुई। यह गंभीर मामला है। बताया कि यहां नारियल और लौंग तक नहीं तोड़ी जाती।

 

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