डा. सुरेंद्र जैन बोले – तेलंगाना को जिहादियों का शिकारगाह नहीं बनने देंगे, लव जिहाद व मतांतरण विरोधी कानून जल्द लाएं केंद्र
रांची
विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डाक्टर सुरेंद्र जैन ने कहा है कि आज संपूर्ण विश्व में जिहादी आक्रामकता बढ़ रही है। जिहाद के विभिन्न प्रकारों से मानवता त्रस्त है। लव जिहाद मानवता के विरुद्ध एक बड़ा और घृणित अपराध सिद्ध हो रहा है। भारत में पहले मुस्लिम आक्रमणकारी से ही प्रारंभ हुआ जिहाद का यह सबसे विकृत स्वरूप अभी भी चल रहा है, जिसमें गैर मुस्लिम महिलाओं को "माले गनीमत" समझ कर वीभत्स तरीके से शीलभंग किया जाता है। पहले यह पैशाचिक कृत्य जबरन किया जाता था, अब जहां संभव है वहां बल प्रयोग से तथा शेष जगह धोखा देकर गैर मुस्लिम महिलाओं को जाल में फंसाया जाता है। जिहादियों के इस कुकृत्य पर अब विराम लगना ही चाहिए। वे सोमवार को भाग्यनगर के प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका भी इसे धर्मांतरण का सबसे घृणित स्वरूप मानती है। आज संपूर्ण विश्व में इस महिला विरोधी विकृत मानसिकता के विरोध में आक्रोश बढ़ रहा है। जिसकी परिणति म्यानमार, श्रीलंका और लद्दाख में देखने को मिली।
लव जिहाद और अवैध मतांतरण विरोधी कानून अति शीघ्र लाएं केंद्र
जैन ने कहा कि अगर शांतिप्रिय बौद्ध समाज में इतनी तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है तो शेष मानव समाज की प्रतिक्रिया की कल्पना सहज ही की जा सकती है, जिसके लिए केवल जेहादी मानसिकता और इन को भड़काने वाले मुस्लिम नेता ही जिम्मेदार होंगे। विहिप भारत सरकार से अपील करती है कि वे लव जिहाद और अवैध मतांतरण विरोधी कानून अति शीघ्र लाएं और भारत को इस अपराध से मुक्ति दिलाएं।
तेलंगाना के जेहादी पहले से ही कुख्यात
विहिप नेता ने कहा कि तेलंगाना के जेहादी महिला विरोधी मानसिकता के कारण पहले से ही कुख्यात हैं। मुत्ताह निकाह के नाम पर पूरी दुनिया के अय्याश शेखों की यह पहले से ही ऐशगाह बना हुआ है, परंतु हिंदू महिलाएं भी रजाकारों के समय से ही इस विकृत मानसिकता से पीड़ित रही हैं। आदिलाबाद, भद्राचलम, भोपालपल्ली, मुलुगू जैसे क्षेत्रों के जनजाति समाज इनके विशेष निशाने पर हैं। हिंदू नाम रख कर ये जिहादी उनकी भोली भाली लड़कियों को ही नहीं उनकी जमीनों पर भी कब्जा कर रहे हैं। इन जनजातियों का धर्म, महिला, परंपरा और जमीन आज खतरे में है।
तेलंगाना सरकार जिहादियों को बढ़ावा दे रही है
उन्होंने कहा कि ए आई एम आई एम के इशारे पर चलने वाली तेलंगाना सरकार जिहादियों को बढ़ावा दे रही है। हिंदू विरोधी जेहादी मानसिकता के कारण आज यह स्थिति बन गई है कि कोई भी हिंदू लड़की या लड़का किसी मुस्लिम लड़के या लड़की से विवाह कर लेता है और मतांतरण नहीं करता तो उसको अपने जीवन से हाथ धोना पड़ता है। विकाराबाद में नागराज नामक हिंदू लड़के ने जब आफरीन बेगम के साथ विवाह किया तो उसकी नृशंस हत्या का मामला ज्यादा पुराना नहीं हुआ है। अवैध धर्मांतरण की घटनाओं में भी काफी वृद्धि हुई है। देश की कई राज्य सरकारों ने लव जिहाद व अवैध मतांतरण पर रोक लगाने के लिए कानून बनाए हैं। विहिप तेलंगाना सरकार से मांग करती है कि वह भी तेलंगाना की संस्कृति और समाज के प्रति अपने दायित्व को समझें और शीघ्र ही मतांतरण और लव जिहाद विरोधी कानून बनाएं।
तेलंगाना सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता खुलकर आ चुकी है सामने
सुरेंद्र जैन ने कहा कि दुर्भाग्य से तेलंगाना सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता खुलकर सामने आ चुकी है। वे हिंदू उत्सवों पर तरह तरह के प्रतिबंध लगाते हैं परंतु गैर हिंदुओं के उत्सवों पर सब प्रकार की छूट देते हैं। गणपति विसर्जन और बोनालू के उत्सव पर जिस प्रकार के आदिलशाही प्रतिबंध लगाए गए उन्हें हिंदू समाज के प्रबल संघर्ष के बाद ही हटाया जा सका। अपने उत्सव पर जब हिंदू अपने घर जाता है तो स्पेशल बस के नाम पर कई गुना किराया लेकर मानो जजिया वसूला जाता है।
वहीं, गैर हिंदुओं के उत्सवों पर फ्री राशन, कपड़ा व अन्य प्रकार की सब्सिडी देकर सरकारी खजाने को लुटाया जाता है। कई प्रवेश परीक्षाओं में हिंदू महिलाओं के मंगलसूत्र व अन्य मांगलिक चिन्हों को उतरवा दिया जाता है जबकि मुस्लिम महिलाओं के हिजाब भी नहीं उतारे जाते है। इस बढ़ते मुस्लिम तुष्टीकरण का ही परिणाम है कि अगर मुस्लिम युवक से पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस भी मांगती है तो उसे उन युवकों से पिटना भी पड़ता है और कानूनी कार्यवाही का सामना भी करना पड़ जाता है।
प्रदेश के हित में शासन चलाएं तेलंगाना सरकार
विहिप तेलंगाना सरकार से अपील करती है कि वे चंद मुस्लिम नेताओं के इशारे पर इस हिंदू विरोधी मानसिकता को त्यागे और प्रदेश के हित में शासन चलाएं। वह समाज के सभी वर्गों के साथ समान रूप से व्यवहार करे। हिंदुओं का दमन और मुस्लिम तुष्टीकरण दोनों ही नीतियां ना प्रदेश के हित में है ना सरकार के हित में हैं। यदि तेलंगाना सरकार ने अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता को नहीं बदला तो विहिप को इनके विरोध में एक प्रबल आंदोलन चलाने के लिए विवश होना पड़ सकता है।