सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का नियमित निराकरण करें – कलेक्टर
पात्र हितग्राहियों का चयन कर उन्हें हितलाभ का वितरण करें – कलेक्टर
रीवा
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि सभी अधिकारी सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का नियमित निराकरण करें। कई विभागों की रैंकिंग लगातार घट रही है। अगस्त माह में प्राप्त आवेदन पत्रों का संतुष्टिपूर्वक निराककरण करें। ऊर्जा विभाग में अगस्त माह में दर्ज 1916 प्रकरण अभी भी लंबित हैं। कार्यपालन यंत्री ऊर्जा इनका निराकरण कराएं। रीवा शहर की स्थिति सबसे खराब है। खाद्य विभाग में पात्रता पर्ची से संबंधित आवेदनों का निराकरण करें। पात्र व्यक्ति को खाद्यान्न पर्ची स्वीकृत करें। जिला आपूर्ति अधिकारी, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारियों से समन्वय करके लंबित आवेदनों का निराकरण कराएं। जल संसाधन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पीएचई विभाग एवं शिक्षा विभाग में भी बड़ी संख्या में आवेदन लंबित हैं। इस माह में किसी भी विभाग की ग्रेडिंग डी अथवा सी होने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर ने बैठक से अनुपस्थित जिला योजना अधिकारी का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निम्न गुणवत्ता से आवेदनों का निराकरण करने वाले विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों का भी वेतन काटने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि 17 सितम्बर से 31 अक्टूबर तक मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान चलाया जा रहा है। सभी अधिकारी विभागीय योजनाओं के पात्र हितग्राहियों का चयन करके उन्हें हितलाभ का वितरण कराएं। हितग्राहियों के चयन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में शिविर लगाए जा रहे हैं। शिविर के लिए तैनात नोडल अधिकारी आवेदन पत्रों का विभागवार संकलन करके उनका निराकरण सुनिश्चित करें।
बैठक में कलेक्टर ने खाद तथा बीज की आपूर्ति, नलजल योजनाओं के सुधार तथा कम पोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के संबंध में निर्देश दिए। कलेक्टर ने दस्तक अभियान में कम उपलब्धि पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को लापरवाह बीएमओ के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एनएन मिश्रा ने बताया कि दस्तक अभियान में दो लाख 75 हजार बच्चों के स्वास्थ्य जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें से दो लाख 51 हजार बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई। चार विकासखण्डों में समय पर डाटा फीडिंग न करने के कारण उपलब्धि कम रही। बैठक में आयुक्त नगर निगम मृणाल मीणा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े तथा सभी एसडीएम, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।