कोरोना से बचाव के चलते भूलकर भी न करें ये गलती, हो रही स्किन एलर्जी
पानीपत
कभी चिलचिलाती धूप….कभी आसमान में बादल। एक-दो दिन के अंतर से हो रही हल्की बारिश के कारण उमस का माहौल है। उधर, कोरोना के केस एक बार फिर से बढ़ रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए हाथों को सैनिटाइज करना व मुंह पर मास्क पहनना शुरू कर दिया होगा। आपके काम की बात यह कि सैनिटाइजर को विकल्प के रूप में इस्तेमाल करें। अधिक बार हाथों पर रगड़ने से एलर्जी भी हो सकती है। सिविल अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल आफिसर डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि बाजार में सस्ते हैंड सैनिटाइजर की बिक्री भी हो रही है। कुछ सैनिटाइजर में कैमिकल की अधिकता होती है। बार-बार हाथों-बाजुओं को सैनिटाइज करने से खुजली, लाल दाने हो सकते हैं। एल्कोहल की अधिक मात्रा वाले सैनिटाइजर त्वचा के लिए ठीक नहीं हैं।
गत वर्ष एक रिपोर्ट भी आई थी कि सैनिटाइजर में बेंजीन की मात्रा पाई गई थी। बेंजीन कैंसर को बढ़ावा देता है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए हाथों को सैनिटाइज करना बहुत जरूरी है। बाजार से खरीदे सैनिटाइजर का इस्तेमाल तभी करें जब साबुन-पानी से हाथों को धोने की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
इन बातों पर दें ध्यान
घर में सुरक्षित रहते हुए हाथों को बार-बार सैनिटाइजर से साफ न करें। साबुन-पानी से हाथ धोएं। हाथों का रुखापन दूर करने के लिए रात में पेट्रोलियम जैली, नारियल का तेल या गुलाब जल लगाएं। आपको कई घंटे त्वचा पर किसी प्रकार की एलर्जी दिखे तो विशेषज्ञ से परामर्श लें।
स्वच्छ मास्क पहनना भी जरूरी
कोरोना से बचना है तो घर से बाहर मास्क पहनकर ही निकलें। ध्यान रहे कि पसीने में भीगा हुआ मास्क पूरे दिन न पहने रखें। मास्क एन-95 है तो चार खरीदें, बदल-बदलकर पहनें। मास्क कपड़े का है तो वह साफ सुथरा होना चाहिए। गर्मी और उमस के मौसम में गंदा मास्क पहनने से बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा रहेगा। चेहरे पर फुंसियां होने लगती हैं। किसी व्यक्ति की त्वचा तैलीय है, उनके चेहरे की त्वचा को अधिक नुकसान पहुंचता है।