November 24, 2024

27.50 लाख की ठगी में साइबर पुलिस ने पकड़ा लारेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करने वाला हैकर

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वाराणसी

वाराणसी के साड़ी कारोबारी से निवेश के नाम पर 27.50 लाख की ठगी में साइबर पुलिस ने सरगना समेत चार शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। गैंग लीडर अंतरराष्ट्रीय हैकर है, जिसका इस्तेमाल लारेंस विश्नोई, डुल्लू गैंग समेत कई अन्य गिरोह करते थे। डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार और एडीसीपी सवरणन टी. ने बुधवार को पुलिस लाइन के सभागार में गिरफ्तारी का खुलासा किया।

साइबर थाने की टीम ने राजस्थान श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ से आरोपियों की गिरफ्तारी की है। पकड़े गए साइबर ठगों में राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के खोथांवाली (गोलूवाला) का प्रिंस खोड, अनूपगढ़ के रावला मंडी का आशीष विश्नोई, बिकानेर के उदानगर (दंतौर) का हरीश विश्नोई और श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ सिटी का मनदीप सिंह शामिल है। आशीष गैंग का लीडर है। वह अंतरराष्ट्रीय हैकर भी है।

डीसीपी ने बताया कि लॉरेंस विश्नोई समेत देश भर के कई गिरोह आशीष की मदद से बड़ी वेबसाइटों को हैक कराते थे, रुपये निकासी में उसकी मदद लेते थे। आरोपियों के पास से एक डेबिट कार्ड, चेकबुक, क्यूआर कोड, वेलकम लेटर, तीन सिम कार्ड, छह मोबाइल, 30 हजार नकदी बरामद किया गया है। प्रिंस के खिलाफ श्रीगंगानगर जिले में पहले से धोखाधड़ी और आईटी एक्ट में केस दर्ज है।

कमीशन पर दूसरे देश जाता था हैकर
हैकर आशीष के तार दुबई समेत अन्य खाड़ी देशों, कनाडा, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात तक हैं। वह कनाडा जाने वाला था। जबकि दूसरा शातिर प्रिंस अमेरिका जाने वाला था। साइबर पुलिस ने बताया कि यह गिरोह चीन, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, दुबई में बैठे साइबर अपराधियों से जुड़कर लोगों को ठगते थे। लोगों को झांसे में लेने के लिए इन देशों के आईपी अड्रेस का इस्तेमाल करते थे।

बचने के लिए पानी टंकी पर चढ़ गया शातिर
पुलिस ने बताया कि बचने के लिए शातिर आशीष पानी टंकी पर चढ़ गया। काफी प्रयास के बाद उसे टंकी से उतार कर पकड़ा गया। पूछताछ में उसने बताया कि सादे वेश में पुलिसकर्मियों को देख उसे लगा कि हरियाणा के डुल्लू गिरोह के लोग उसे पकड़ने आए हैं। गिरोह के लोग उस पकड़कर जबरन हैकिंग कराते थे।

इस तरह से करते थे ठगी
गिरोह टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को निवेश का झांसा देकर ठगते थे। नामी कंपनियों के फर्जी वेबसाइट तैयार कर उसका लिंक और एसएमएस बल्क में लोगों को भेजते थे। जब लोग निवेश के लिए संपर्क करते तो ये बात करते। फर्जी वेबसाइट पर निवेश की राशि को दो से तीन गुना दर्शाते थे। रकम कमीशन पर खरीदे गये खाते में मंगाते थे।

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