शिक्षा प्रोत्साहन और जल सदुपयोग की सकारात्मक पहल, तीस दिन में मिलेगा लाभ
भोपाल
श्रम कल्याण मंडल की शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का लाभ अब इसके पात्र व्यक्तियों को तीस दिन के भीतर मिल जाएगा। लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने इसे लोक सेवा गारंटी के दायरे में शामिल किया है। श्रम कल्याण मंडल की शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का लाभ लेने के लिए जनसंपर्क अधिकारी अभिदाय वसूली अधिकारी, कल्याण अधिकारी, कल्याण पर्यवेक्षक एवं कल्याण निरीक्षक के पास आवेदन करना होगा। ये इस योजना का लाभ तीस दिन में दिलवाएंगे।
आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के बाद तीस दिन के भीतर इस योजना का लाभ मिल जाएगा। तय समय पर लाभ नहीं मिला तो सहायक कल्याण आयुक्त मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल को और उसके बाद कल्याण आयुक्त मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल भोपाल को भी अपील की जा सकेगी। इसी तरह श्रम कल्याण मंडल की शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ भी तीस दिन के भीतर मिल जाएगा। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के तीस दिन के भीतर इस योजना का लाभ मिल जाएगा। समय पर लाभ नहीं मिलने पर सहायक कल्याण आयुक्त मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल और कल्याण आयुक्त मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल को अपील की जा सकेगी। वे इसका लाभ दिलाना सुनिश्चित करेंगे।
पानी का सदुपयोग करने तैयार होगी नई वाटर पॉलिसी, कंसल्टेंट्स देंगे सुझाव
जलवायु परिवर्तन के साथ प्रदेश की धरती में घटते जल और उसकी उपलब्धता को देखते हुए अब राज्य सरकार नई वाटर पॉलिसी तैयार करने जा रही है। इसको लेकर राज्य सरकार ने कंसल्टेंट के जरिये पानी के उपयोग और जल भंडारण को लेकर सुझाव लेने का फैसला लिया है। इस सुझाव के बाद पानी के उपयोग को लेकर आने वाले साल में तैयार होने वाली नीति के आधार पर जल उपयोग की सीमा तय करने का काम किया जाएगा। पानी के उपयोग को लेकर नीति आयोग पहले ही काम कर रहा है और इसको लेकर एक गाइडलाइन तैयार की जा चुकी है। अब मध्यप्रदेश में भी इसी को लेकर न्यू वाटर पॉलिसी तैयार की जाने वाली है। इसी के मद्देनजर 30 सितम्बर को मंत्रालय में पानी के अलग-अलग फार्मेट में काम करने वाले विशेषज्ञों की वर्कशाप बुलाई गई है। इस वर्कशाप के लिए जल संसाधन विभाग नोडल विभाग के तौर पर काम कर रहा है। पानी के उपयोग को लेकर अब जो प्राथमिकताएं तय हैं और जिस पर चर्चा होना संभावित है, उसके मुताबिक जीवन के लिए पानी के उपयोग महत्वपूर्ण है तो पेयजल, भोजन पकाने, स्वच्छता सहित जीवन से जुड़ी जरूरतों को आधार बनाकर इसके लिए क्या व्यवस्था होनी चाहिए, इस पर सुझाव लिया जाएगा।
साथ ही खाद्य सुरक्षा, कृषि कार्य एवं नदियों में गुणवत्तापूर्ण जल का प्रवाह बनाए रखने, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक जरूरतों के लिए पानी के उपयोग को ध्यान में रखा जाना है। इसके अलावा जल से जुड़ी वाणिज्यिक कृषि के लिए पानी बचाने वाली तकनीक का उपयोग करने एवं औद्योगिक वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए साइक्लिक प्रोसेस से पानी के उपयोग के बाद ही ताजा पानी यूज करने का काम किया जाना है। इसके साथ ही आने वाले सालों में पानी को लेकर उभरती अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए पानी का भंडार तैयार करने का काम भी किया जाना है।