November 26, 2024

स्वच्छता रैकिंग में आखिर राजनांदगांव इतना कैसे पिछड़ गया

0

राजनांदगांव
नगर पालिक निगम राजनांदगांव का इस बार स्वच्छता रैकिंग में हाथ खाली है। पहली बार स्वच्छता रैंकिंग में शहर की इस तरह की दुर्गति को लेकर नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने महापौर श्रीमती हेमा देशमुख को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जिस शहर को स्वच्छता में अच्छी रैकिंग के साथ अवार्ड मिलते आ रहे थे वह शहर आज रैकिंग में 50 शहरों की सूची में भी शामिल नहीं है। यदु ने कहा कि, स्वच्छता रैकिंग में आखिर राजनांदगांव इतना कैसे पिछड़ गयाज् महापौर शहर की जनता को इसका जवाब दें।

उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि, जमीनी हकीकत से दूर जिम्मेदारों ने शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त कर दी है। सफाई के मामले में वार्डों से भेदभाव भी किया जा रहा है। स्वच्छता रैकिंग में मिलता रहा अवार्ड गंवाना शहर के लिए न सिर्फ एक उपलब्धि से वंचित होना है बल्कि यह साबित करने के लिए काफी है कि शहर कूड़े का ढेर बन चुका है और यहां भी महापौर फेल हो चुकी हैं।

नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने कहा कि, स्वच्छता श्रृंगार योजना, स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत डोर टू डोर कचरा संग्रहण (एसएलएआरएम सेंटर), लगभग 30 वार्डों में सफाई ठेका और लगभग 200 नियमित कर्मचारियों की व्यवस्था में प्रतिमाह लाखों खर्च करने के बाद भी शहर कचरे से अटा पड़ा है। नुक्कड़ों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

यदु ने कहा कि, निगम अमले के लिए ये चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली स्थिति है। शहर में बगैर मॉनिटरिंग के सफाई व्यवस्था चल रही है। एसएलआरएम सेंटरों के संचालन से स्थानीय स्व सहायता समूहों को हटाकर दुर्ग के समूह को काम सौंपा गया है। इसके चलते सेंटरों में आए दिन सफाई दीदीयों और संचालकों के बीच वाद-विवाद और तालाबंदी की स्थिति बनी रहती है।

उन्होंने कहा कि, स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत सुलभ शौचालयों के रखरखाव और सफाई के संबंध में संबंधित वार्ड के पार्षदों को ही जानकारी नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि, सफाई व्यवस्था को लेकर भाजपा पार्षदों के वार्ड से भेदभाव भी किया जा रहा है। इनमें से कई वार्डों से ठेका पहले ही हटाया जा चुका है और अब यहां कर्मचारी भी लगातार कम किए जा रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, महापौर का शहर की सफाई व्यवस्था से कोई सरोकार नहीं रह गया है। इन्हें एसएलआरएम सेंटरों में झांकने तक की फुर्सत नहीं है। सफाई कार्य में आ रही दिक्कतों को लेकर शिकायतों के बाद भी महापौर चुप्पी साधे बैठीं हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही ने शहर को ढर्रे पर ढकेल दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *