फतेहाबाद जिला संघर्ष नहीं, चौधरी बंसीलाल सरकार के उपचुनाव एजेंडे से निकला था
फतेहाबाद
फतेहाबाद को जिला बने आज 25 बरस पूरे हो गए। लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि फतेहाबाद को जिला बनाना उस वक्त की बंसीलाल सरकार के मेन एजेंडे में नहीं था। लेकिन तत्कालीन विधायक हरमिंदर सिंह के अकस्मात निधन के चलते राजनीतिक हालात ऐसे हो गए कि सरकार को झज्जर के साथ साथ फतेहाबाद को भी जिला बनाने का ऐलान करना पड़ा। दरअसल तत्कालीन विधायक हरमिंदर सिंह के निधन के चलते फतेहाबाद में उपचुनाव प्रस्तावित हो गया जिसे जीतने के लालच में बंसीलाल सरकार ने फतेहाबाद को जिला घोषित करने का दांव चल दिया। हालांकि ये दांव भी काम नहीं आया और सरकार को उपचुनाव में मुंह की खानी पड़ी और फतेहाबाद उपचुनाव में इनेलो की टिकट पर लडऩे वाले संपत सिंह जीत कर फतेहाबाद के विधायक बन गए।
कुलजीत कुलडिय़ा के निवास पर पहली बार हुई थी फतेहाबाद को जिला बनाने की चर्चा
प्रदेश में सरकार बनाने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल फतेहाबाद में एक रैली को संबोधित करने से पहले अपने करीबी रिश्तेदार कुलजीत कुलडिय़ा के निवास पर पहुंचे थे। इस दौरान कुलजीत कुलडिय़ा, बंसीलाल की हविपा के तत्कालीन शहरी प्रधान विजय निर्मोही शामिल थे। इस दौरान बंसीलाल ने फतेहाबाद से जुड़ी योजनाओं पर कुल डिय़ा और निर्माेही से सलाह मांगी तो विजय निर्मोही ने जिला बनाने का प्रस्ताव दिया। हालांकि उस प्रस्ताव को उन्होंने उस वक्त तो तवज्जो नहीं दी। बाद में सरकार बनी तो भी एक बार भी फतेहाबाद को जिला बनाने की कोई चर्चा नहीं चली। खुद विजय निर्मोही ये बताते हैं कि फतेहाबाद को जिला बनाने का प्रस्ताव उन्होंने पूर्व सीएम बंसीलाल को दिया था।
हविपा विधायक हरमिंदर सिंह के आकस्मिक निधन के बाद उपचुनाव ने रखी जिले की बिसात
प्रदेश में हरियाणा विकास पार्टी एवं भाजपा की गठबंधन सरकार थी। फतेहाबाद से हरमिंदर सिंह हविपा की टिकट पर विधायक बने थे। लेकिन सरदार हरमिंदर सिंह का आकस्मिक निधन हो जाता है और फतेहाबाद उपचुनाव के मुहाने पर आ खड़ा होता है। इस उपचुनाव में सरकार की इज्जत दांव पर थी क्योंकि यहां पर हविपा के ही विधायक थे। इसी के चलते अचानक बंसीलाल सरकार ने झज्जर के साथ साथ फतेहाबाद को भी जिला बनाने का फैसला ले लिया और हाथोंहाथ 15 जुलाई 1997 को फतेहाबाद जिला अस्तित्व में भी आ गया।
नेशनल हाइवे पर होने के कारण भी मिली प्राथमिकता
फतेहाबाद को जिला बनाने पर बंसीलाल सरकार को काफी बातें भी सुननी पड़ी थी क्योंकि झज्जर के बाद टोहाना उस समय जिला बनने की औपचारिकताएं पूरी करता था। फतेहाबाद के मुकाबले टोहाना की जनसंख्या और इलाका भी अधिक था। लेकिन ऐन मौके पर फतेहाबाद उपचुनाव के चलते जिला मुख्यालय फतेहाबाद के हिस्से आ गया और इसे नेशनल हाइवे पर होने का फायदा भी मिला।