ख्वाजा साहब की दरगाह के खादिम के पुत्र ने दी आतंकी को पनाह, पंजाब में आतंकी हमले का आरोपी
अजमेर
अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिमों की संस्था अंजूमन के संयुक्त सचिव तारिक चिश्ती के पुत्र तौफीक जमाली को पंजाब पुलिस ने पकड़ लिया। तौफीक पर पंजाब इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर आतंकी हमले को अंजाम देने के आरोप में शामिल आरोपी चढ़त सिंह को पनाह देने का आरोप है। इतना ही नहीं तौफीक जमाली ने आतंकी को अजमेर में ड्रग्स भी उपलब्ध कराया और उसे हथियार भी मुहैया कराया।
पंजाब पुलिस की टीम की दबिश पर समूचे दरगाह क्षेत्र में सनसनी फैल गई। अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह विगत कुछ माह से आपराधिक गतिविधियों से जुड़े लोगों के कही ना कहीं तार जुड़े होने के कारण सुर्खियों में है। पिछले दिनों उदयपुर के कन्हैया लाल टेलर का सर तन से जुदा किए जाने के जघन्य अपराध के बाद अजमेर दरगाह शरीफ के ही खादिम समुदाय से जुड़े कदाचित लोगों के बयान वायरल होने से भी दरगाह की सूफीयाना व कौमी एकता की छवि पर विपरीत असर पड़ा था।
आरोपी तौफीक जमाली भी अजमेर की दरगाह से सर तन से जुदा नारा लगाने वाले आरोपी फखर जमाली का ममेरा भाई बताया जाता है। पुलिस पता कर रही है कि आतंकी वारदात में जुड़े लोागों से तौफीक के क्या और कितने गहरे संबंध है। जानकारी के अनुसार पुलिस हेडक्वार्टर पर आतंकी हमला करने का आरोपी चढ़त सिंह पिछले दिनों की पंजाब पुलिस के हाथों में पकड़ा गया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही पंजाब पुलिस का अजमेर पुलिस के साथ संवाद शुरू हुआ।
एक योजना के तहत अजमेर की दरगाह को तथा यहां से जुड़े संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त खादिम समुदाय के लोगों पर पुलिस की नजर बनी हुई बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार पंजाब इंटेलिजेंस हैडक्वार्टर पर हमला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर किया गया था। इसे खालिस्तानी आतंकी संगठन बबर खालसा इंटरनेशनल बीकेआई ने कराया था। इसका मास्टर मांइड कनाडा में बैठा गैंगस्टर लखबीर सिंह लाडा होना बताया जाता है।
सूत्रों के अनुसार इसी मामले में एक पंजाबी सिंगर के करीबी जगदीप सिंह कंग को दिल्ली से पकड़ा जा चुका है।। इसके अलावा तरनतारन कास कंवर बाठ, बलजीत सकौर, बलजिंदर रैंबों, अनंत सोनू, निशान सिंह को भी पुलिस ने पकड़ रखा है। ज्ञातव्य है कि पुलिस हेडक्वार्टर पर हमले के लिए लांचर द्वारा रॉकेट दागा गया था जो पाकिस्तान से आया था। हमलावरों के पास एके —47 राइफल भी थी।