पीलीभीत टाइगर रिजर्व शिफ्ट किए जाएंगे चार हाथी, टीम का हुआ गठन
पीलीभीत
कर्नाटक (Karnataka) से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve) में चार हाथी आने वाले हैं. इसको लेकर वन अधिकारी सतर्क हैं और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि स्थानांतरण की प्रक्रिया परेशानी मुक्त रहे. हाथियों की यात्रा कर्नाटक से शुरू होगी और पीटीआर पहुंचने से पहले आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से होकर गुजरेगी.
हाथियों को शिफ्ट करने के लिए टीम का गठन
हाथियों को शिफ्ट करने के लिए एक पशु चिकित्सा अधिकारी, अनुमंडल वन अधिकारी, वन रेंज अधिकारी, वन निरीक्षक, वन रक्षक और पांच महावत समेत पीटीआर के विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया गया है, जिसमें दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं. चार में से एक नर और एक मादा हाथी है, जिनकी उम्र 5 से 6 साल के बीच है, जबकि अन्य 2 की उम्र करीब 12 साल है.
बरेली जोन के मुख्य संरक्षक ललित वर्मा ने कहा, हाथी ट्रकों के एक काफिले में लगभग 3,000 किमी की दूरी तय करेंगे. हमने ट्रांजिट परमिट प्राप्त कर लिया है और सभी संबंधित राज्यों के मुख्य वन्यजीव वार्डन और पुलिस अधिकारियों को सूचित किया है.ताकि वे अपनी ओर से सभी आवश्यक सावधानियां बरत सकें.
अब तक 30 से अधिक ग्रामीणों की मौत
पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में हाथी, आवारा बाघों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चलाएंगे. पीटीआर के आधिकारिक रिकॉर्ड बताते हैं कि पिछले सात वर्षों में अब तक 30 से अधिक ग्रामीण बाघ हमले में मारे गए हैं. पीटीआर के पशुचिकित्सक डॉ दक्ष गंगवार ने बताया कि कर्नाटक के पांच महावतों की एक टीम कुछ महीनों के लिए पीटीआर में रहेगी, ताकि हाथियों को हिंदी में आदेशों का जवाब देने में मदद की जा सके.
उन्होंने कहा, कर्नाटक के एक वन्यजीव पशुचिकित्सक डॉ विनय शिवमूर्ति भी उनकी यात्रा में शामिल होंगे. हम किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक ट्रैंक्विलाइजर गन, सीडेटिव और मेडिकल किट भी ले जा रहे हैं.