अब 150 किलोवाट के सोलर प्लांट से जगमग होगा खजराना गणेश मंदिर ,55 लाख की लागत
इंदौर
देशभर में सबसे साफ स्वक्ष शहर इंदौर (Indore) में लगातार नवाचार करता देखा जाता है. अब बिजली की बढ़ती हुई खपत को कम करने के लिए शहर के कई प्रशासनिक स्थानों पर सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित कर बिजली की बचत की जा रही है. इसके अलावा देश भर में ख्याति प्राप्त मंदिर खजराना गणेश मंदिर भी सोलर एनर्जी की दूधिया रोशनी से चकाचौंध नजर आने के लिए तैयार है.
देश भर में सुप्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर को प्रबंधन द्वारा सौर ऊर्जा की रोशनी से जगमगाने की तैयारी कर ली गई है. जिसके लिए मंदिर प्रबंधन द्वारा पिछले दिनों यहां 150 किलोवाट का नवीन सोलर प्लांट लगाया गया है. इसे अगले माह तक शुभारंभ करने की योजना बनाई गई है. जिससे बिजली की खपत को कम करने में कुछ हद तक बिजली कंपनियों को भी राहत मिलेगी.
55 लाख रुपये की लागत से बना सोलर प्लांट
मंदिर प्रबंधन के मुताबिक मंदिर परिसर में करीब 55 लाख रु की लागत से 150 किलोवाट का एक बड़ा सोलर प्लांट लगाया गया है. जिससे मंदिर प्रबंधन को फिलहाल 120 किलोवाट बिजली मिलेगी. इस सोलर प्लांट के लगाने से हर माह लंबे-चौड़े बिजली के बिलों से भी बड़ी राहत मिलेगी. वहीं इस सोलर ऊर्जा प्लांट के लगने के बाद जहां मंदिर परिसर पहले की तरह जगमगाएगा तो वहीं मंदिर प्रबंधन को उसके लिए बिजली के बिल का भुगतान भी नही करना पड़ेगा.
मंदिर में लगा सोलर प्लांट शुरू होने के एक से डेढ़ साल बाद इसका और ज्यादा अच्छा फायदा खजराना मंदिर को होगा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार मंदिर परिसर में 150 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने का काम पूरा हो चुका है.
इसे लगाने में 55 लाख रुपए की लागत आई है. रोशनी में सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाला संयंत्र लगाया गया है, जिसे जल्द अगले माह शुरू करने की प्लानिंग है. इसके बाद इससे तैयार होने वाली बिजली का उपयोग मंदिर परिसर में जगमगाहट के साथ अन्य कामों में किया भी किया जाएगा.
अन्य कार्यों के लिए बिजली का उपयोग होता है
पूरे खजराना गणेश मंदिर में बिजली की रोशनी के अलावा भोजनशाला, अस्पताल, शुद्ध पीने के पानी के लिए लगे आरो प्लांट के लिए बिजली का उपयोग होगा. इसके अलावा मंदिर परिसर में लगे हजारों पौधों में रोजाना पानी देने की प्रक्रिया सहित अन्य जगह रोशनी में बिजली का उपयोग किया जाता है.
शाम के समय पूरे मंदिर परिसर को रोशन करने के लिए भी जमकर बिजली का उपयोग किया जाता है. जिसके लिए मंदिर प्रशासन को अभी प्रतिवर्ष दो से ढाई लाख रुपए बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता है. खजराना गणेश मंदिर प्रदेश का पहला ऐसा मंदिर हो जाएगा जहां सरकारी बिजली की खपत के बगैर मंदिर रोशनी से जगमगाएगा.